

जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर के दौरे पर गए सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने उम्मीद जताई है कि राज्य में जल्द ही स्थिति का समाधान निकलेगा। जस्टिस गवई ने कहाराहत शिविरों में लोग अच्छे मूड में हैं। मैंने दोनों समूहों से बात की है और मुझे पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द कोई समाधान निकल आएगा।
जल्द ही दोनों समूहों के बीच समाधान निकल आएगा: जस्टिस गवई
SC के पांच सदस्यीय जजों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा इंफाल
प्रतिनिधिमंडल में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन. कोटेश्वर शामिल थे। उन्होंने चूड़चांदपुर में एक राहत शिविर का भी दौरा किया। जस्टिस गवई राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन हुआ था लागू
उन्होंने राज्य के सभी जिलों में विधिक सेवा शिविरों और चिकित्सा शिविरों का उद्घाटन किया। साथ ही इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नए विधिक सहायता क्लीनिकों का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के पांच दिन बाद ही राज्य में 13 फरवरी को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।
तीन मई, 2023 को आल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन आफ मणिपुर की रैली के बाद मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी। फिर पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।
