

लखनऊ के चिनहट पुलिस थाने में हिरासत में मोहित की हुई मौत मामले में इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार चतुर्वेदी को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर भरत पाठक चिनहट कोतवाली के थानाध्यक्ष बनाए गए। विपक्षी पार्टियां योगी सरकार को और उनकी प्रशासनिक व्यवस्था पर ऊँगली उठा रहीं हैं।
लखनऊ के चिनहट पुलिस थाने में हिरासत में मोहित की हुई मौत मामले में कार्रवाई हुई है। चिनहट इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार चतुर्वेदी को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर भरत पाठक चिनहट कोतवाली के थानाध्यक्ष बनाए गए। वहीं, घटना पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने भी प्रतिक्रिया दी है।
घटना को लेकर अखिलेश ने राज्य सरकार को घेरा
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ कर दिया जाना चाहिए। अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए) का दूसरा समाचार मिला है। नाम बदलने में माहिर सरकार को अब ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ रख देना चाहिए। पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।”
सीसीटीवी फुटेज पर पीड़ित परिवार का आरोप
पुलिस हिरासत में मोहित की हुई मौत मामले में सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें युवक हवालात में लेटा हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि, परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मोहित को हिरासत में इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई और खुद को बचाने के लिए जानबूझकर वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा लीक किया है। मोहित के भाई शोभाराम ने कहा कि उसे भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, बाद में उसे छोड़ दिया गया। उसने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके भाई को उसके सामने बेरहमी से पीटा और वह कुछ नहीं कर सका। मोहित की मौत के बाद पुलिसकर्मी उसे अस्पताल ले गए।
