Search
Close this search box.

ISRO ने हासिल की एक और उपलब्धि

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

बिजली गिरने के बारे में पहले ही मिल सकेगा अलर्ट।
अब बिजली गिरने की घटना के बारे में पहले ही पता लगाया जा सकेगा। इसरो ने बिजली गिरने की घटनाओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता हासिल कर ली है। इसरो ने पूर्वानुमान के लिए भूस्थिर उपग्रहों के डाटा का उपयोग किया है। इसरो के अनुसार वायुमंडलीय बिजली गिरने की घटना क्षोभमंडल में मौसम संबंधी मापदंडों की जटिल अंतक्रियाओं के कारण होती है।
आपके शहर या गांव में बिजली गिरने वाली है इसका पता आपको पहले ही चल जाएगा। इसरो ने बिजली गिरने की घटनाओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता हासिल कर ली है। 

इसरो ने मंगलवार को कहा कि भारतीय भूस्थिर उपग्रहों के डाटा का उपयोग करके भारत में बिजली गिरने की घटनाओं की तुरंत जानकारी देने (मौसम पूर्वानुमान) में सफलता मिली है। यह उपलब्धि इसरो के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने हासिल की है। उपग्रहों के डाटा की मदद से बिजली गिरने के लगभग ढाई घंटे पहले ही इस बारे में पता चल जाएगा। 

क्यों होती है बिजली गिरने की घटना?

इसरो के अनुसार वायुमंडलीय बिजली गिरने की घटना क्षोभमंडल में मौसम संबंधी मापदंडों की जटिल अंत:क्रियाओं के कारण होती है। एनआरएससी/इसरो के शोधकर्ताओं ने इनसेट-3डी उपग्रह से प्राप्त आउटगोइंग लांगवेव रेडिएशन (ओएलआर) डाटा में बिजली गिरने के संकेत देखे। 

पूर्वानुमान कैसे लगाया जाएगा?

ओएलआर में कमी बिजली गिरने की संभावित घटनाओं का संकेत है। इनसेट श्रृंखला के उपग्रहों से प्राप्त डाटा का उपयोग बिजली गिरने की घटनाओं के संकेतों का पता लगाने के लिए किया गया। बिजली गिरने की गतिविधि का पता लगाने में और पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार करने के लिए भूमि सतह तापमान (एलएसटी) और हवा जैसे अतिरिक्त मापदंडों को भी शामिल किया गया।

 

इन मापदंडों से इस बात का विश्वसनीय संकेत मिलता है कि बिजली की गतिविधि कब चरम पर होगी या कब कम होगी, जिससे बिजली की घटना और तीव्रता का बेहतर पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

Red Max Media
Author: Red Max Media

Leave a Comment