

बीजापुर जिले में चार इनामी नक्सलियों समेत 22 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया। इनमें से चार 26 लाख रुपए के इनामी थे।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिले में चार नक्सलियों समेत 22 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, इनमें से चार पर कुल 26 लाख रुपए का इनाम था। चार इनामी नक्सलियों में कमली हेमला उर्फ सोमे (32), मुया माड़वी उर्फ राजेश (19), सोनू तांती (28) और महेश पुनेम (20) हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस साल अब तक नक्सली घटनाओं में शामिल कुल 172 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं तथा 179 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इसके अलावा, जिले में अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 83 नक्सली मारे भी गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर करने वाली नक्सली कमली हेमला पीएजीए बटालियन नंबर एक की सदस्य है और उसके ऊपर आठ लाख रुपए का इनाम है। उन्होंने बताया कि नक्सली मुया माड़वी तेलंगाना स्टेट कमेटी के अंतर्गत पार्टी सदस्य है और उस पर भी आठ लाख रुपए का इनाम है। इसके अलावा, पश्चिम बस्तर डिवीजन प्रेस टीम के कमांडर सोनू ताती और पीएलजीए सदस्य महेश पुनेम पर पांच—पांच लाख रुपए का इनाम है।
क्यों किया सरेंडर?
अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों का नक्सली संगठन के विचारों से मोहभंग हो गया है। साथ ही वह संगठन के अंदर बढ़ते आंतरिक मतभेद से परेशान भी थे, इसीलिए उन्होंने समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सुरक्षित पारिवारिक जीवन जीने के लिए सरेंडर करने का फैसला किया है।
प्रोत्साहन स्वरूप दिए घए 50-50 हजार रुपए
अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने वाले सभी माओवादियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50-50 हजार रुपए का चेक दिया गया है।
समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील
बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से अपील की है कि वे सरकार की नई सरेंडर एवं पुनर्वास पॉलिसी का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। उन्होंने नक्सलियों से कहा है कि वे बाहरी लोगों की बहकावे वाली बातें या भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों, जहां वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।
