

दुनियाभर के 140 करोड़ कैथोलिकों के नए पोप के चुनाव के लिए बुधवार से वेटिकन में कान्क्लेव शुरू हो रही है। इस ऐतिहासिक चुनाव में 71 देशों के 133 कार्डिनल हिस्सा लेंगे। क्षेत्रीय विविधता के कारण सभी की प्राथमिकताएं अलग हैं जो नए पोप के चयन को रोचक और चुनौतीपूर्ण बनाएंगी। पूरी प्रक्रिया गोपनीयता के तहत होगी और परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है।
71 देशों से प्रतिनिधित्व
क्षेत्रवार आंकड़ों की स्थिति
अब इन्हें क्षेत्र के मुताबिक अलग किया जाए, तो वेटिकन के आंकड़ों के अनुसार, यूरोप के 53 कार्डिनल हैं और एक के बीमार होने से मतदान में 52 हिस्सा लेंगे। इसके बाद एशिया से 23, अफ्रीका के 18 में एक की खराब तबीयत के बाद 17, दक्षिण अमेरिका के 17, उत्तरी अमेरिका के 16, मध्य अमेरिका के चार और ओसियनिया के चार कार्डिनल हैं।
भिन्न-भिन्न प्राथमिकताओं का असर
अब जैसे वेटिकन लिटर्गी ऑफिस के कार्डिनल की प्राथमिकताएं उलानबटार, मंगोलिया के आर्कबिशप से अलग होंगी। यूरोप के सैकड़ों पादरियों के जिम्मेदार कार्डिनल, युद्धग्रस्त सीरिया में वेटिकन का राजदूत या सरकारी हमले से जूझ रहे मानागुआ, निकारागुआ के चर्च के आर्कबिशप से बिल्कुल अलग प्राथमिकताएं रखता होगा। इनकी यही प्राथमिकताएं नए पोप के चयन में दिख सकती हैं।
सख्त गोपनीयता की प्रक्रिया
हालांकि, दुनिया के सबसे गुप्त मतदान में किसने-किसे वोट दिया, पता किसी को नहीं चल सकेगा। कान्क्लेव से पूर्व सोमवार से कार्डिनल के सहायक कर्मचारियों ने पौलीन चैपल में गोपनीयता की शपथ लेना शुरू कर दिया। इनमें चिकित्सक, नर्स, खानसामा, चालक, लिफ्ट चालक, सफाई समेत कई जरूरी कामों से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं। यह सभी कर्मचारी कान्क्लेव के दौरान बाहर नहीं जा सकेंगे। इस शपथ के टूटने का मतलब सीधे चर्च से उस व्यक्ति का निष्कासन होगा। वहीं, बुधवार से सिस्टीन चैपल में कार्डिनल शपथ लेकर कान्क्लेव की शुरुआत करेंगे।
