

यूपी के प्रतापगढ़ के जेलर अजय कुमार सिंह के खिलाफ सख्त एक्शन हुआ है। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
यूपी के प्रतापगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रतापगढ़ जेल के जेलर सस्पेंड कर दिए गए हैं। उन पर हुई जांच आख्या में ये पाया गया कि उनका व्यवहार अपने स्टाफ के कर्मचारियों के प्रति सही नहीं था।
क्या है पूरा मामला?
उप महानिरीक्षक कारागार, प्रयागराज परिक्षेत्र, प्रयागराज द्वारा प्राप्त जांच आख्या के आधार पर ये पाया गया कि जिला कारागार प्रतापगढ़ में तैनात कारापाल (जेलर) अजय कुमार सिंह का व्यवहार अधीनस्थ कार्मिकों के प्रति अनुचित रहा है।
जांच के दौरान संकलित बयानों एवं अभिलेखीय साक्ष्यों से यह स्पष्ट हुआ कि सिंह द्वारा आकस्मिकता की स्थिति में अधीनस्थ कर्मचारियों को जरूरी छुट्टी नहीं दी गई और सीनियर अधिकारियों के वैध आदेशों/निर्देशों का अनुपालन भी उचित रूप से नहीं किया गया।
इसके अलावा सिंह के द्वारा स्टाफ के साथ अशोभनीय, अमर्यादित और असंवैधानिक आचरण किया गया, जो सेवा आचरण नियमों के प्रतिकूल है। इसलिए उनके खिलाफ महानिदेशक कारागार, उत्तर प्रदेश द्वारा कार्रवाई की गई है। उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए सक्रियता के साथ कार्रवाई की है।
इस आख्या के आधार पर अजय कुमार सिंह, कारापाल (जेलर), जिला कारागार प्रतापगढ़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है और उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
बंदी रक्षकों ने जेलर पर लगाए थे आरोप
जुलाई 2025 में, जेल के बंदी रक्षकों ने जेलर अजय सिंह पर मानसिक उत्पीड़न और अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाते हुए जेल गेट पर प्रदर्शन किया था। उन्होंने जेलर को हटाने की मांग की थी।
प्रतापगढ़ जेल के बारे में भी जानें
प्रतापगढ़ जेल, जिसे आधिकारिक तौर पर जिला कारागार प्रतापगढ़ के नाम से जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित एक जेल है। यह जेल जिला मुख्यालय बेल्हा प्रतापगढ़ में है और उत्तर प्रदेश के कारागार विभाग द्वारा संचालित की जाती है। यह जिला प्रयागराज मंडल का हिस्सा है।
प्रतापगढ़ जेल, प्रतापगढ़ शहर में सई नदी के निकट स्थित है। यह जिला 1858 में स्थापित हुआ था, और इसका नाम स्थानीय राजा प्रताप बहादुर सिंह (1628-1682) द्वारा बनाए गए एक किले के नाम पर पड़ा।
