

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने जो हमले किए थे, उसमें पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। चलिए बताते हैं कि यह एयर डिफेंस सिस्टम क्यों फिसड्डी साबित हुआ है।
भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर जारी है। इसके जरिए पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों के ठिकानों को भारतीय सेना ने निशाना बनाया। इस बीच एक सवाल खुलकर सामने आने लगी कि आखिर पाकिस्तान का रडार सिस्टम मिसाइलों को क्यों ट्रैक नहीं कर पाया। इस बीच लाहौर में स्थित पाकिस्तान के सबसे बड़े एयर डिफेंस रडार सिस्टम को भारतीय सेना ने तबाह कर दिया है। दरअसल पाकिस्तान की सेना द्वारा भारत के अलग-अलग शहरों में ड्रोन को घुसपैठ कराने की कोशिश की जा रही थी, इस बीच भारतीय सेना ने उन्हें मार गिराया। वहीं रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए हमले में पाकिस्तान के लाहौर के रडार सिस्टम को ध्वस्त कर दिया गया है। ऐसे में चलिए बताते हैं कि क्यों ये रडार सिस्टम फिसड्डी साबित हुआ है।
अरबों रुपये खर्च कर पाकिस्तान ने खरीदा था एयर डिफेंस सिस्टम
दरअसल पाकिस्तान ने चीन से करोड़ों डॉलर खर्च करके HQ-9 मिसाइल सिस्टम खरीदा था, लेकिन इसका नतीज कुछ नहीं निकला। भारतीय सेना ने 7 मई के दिन पाकिस्तान में छिपे 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम और रडार सिस्टम ध्वस्त हो चुका है। बता दें कि पाकिस्तान इसे लेकर दावा करता था कि यह चइनीज शील्ड है, लेकिन भारत के एक हमले के बाद यह केवल रेत और फिसड्डी साबित हुआ है।
भारत के एक हमले में हो गया तबाह
दरअसल ऐसा कहा जा रहा है कि HQ-9 या तो उन मिसाइलों को डिटेक्ट नहीं कर पा रहा या फिर वह डिटेक्ट कर ले रहा है लेकिन वह रिएक्ट नहीं कर पा रहा है। बता दें कि भारत के पास फिलहाल रूस का बना हुआ S400 है और इसी तरह का एक रडार सिस्टम Patriot सिस्टम भारत के पास है। इसी तकनीक को चुराकर चीन ने HQ-9 सिस्टम को डेवलप किया था। चीन ने इसे लेकर दावा किया कि इसकी मारक क्षमता 120-250 किमी तक होती है। चीन दावा करता है कि यह एयर डिफेंस सिस्टम क्रूज मिसाइल, एयरक्राफ्ट और बैलेस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकता है। लेकिन भारत के ड्रोन हमले में यह एयर डिफेंस सिस्टम अब पूरी तरह तबाह चुका है।
