

सीजफायर के बाद प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आज पहली बार कैबिनेट और CCS बैठक होगी। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति, पहलगाम हमले की जांच और सीमा पर हालात की समीक्षा कर अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
पाकिस्तान के साथ सीमा पर सीजफायर के बाद आज यानी कि बुधवार को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक होगी। कैबिनेट की बैठक सुबह 11 बजे होगी, और इसके बाद CCS की बैठक होगी। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद इससे पहले भी CCS की 2 बैठकें हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि आज होने वाली बैठकों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की रणनीति, पहलगाम आतंकी हमले की जांच और सीजफायर के बाद के हालात पर चर्चा हो सकती है।
CCS की बैठक में लिया जा सकता है बड़ा फैसला
कैबिनेट बैठक में सभी कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे, जबकि CCS की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवल हिस्सा लेंगे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की रिपोर्ट और इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
पहलगाम हमले के बाद CCS की तीसरी बैठक
बता दें कि पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद CCS पहले ही दो बार बैठक कर चुकी है। 23 अप्रैल को हुई पहली बैठक में हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला लिया गया था। इसके बाद 30 अप्रैल को पीएम आवास पर दूसरी बैठक हुई, जिसमें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और सेना को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दी गई। इसके परिणामस्वरूप तीनों सेनाओं ने मिलकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया और आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तान को भी सबक सिखाया।
सीजफायर के बाद के हालात पर हो सकती है चर्चा
आज की CCS बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की रणनीति, पहलगाम हमले की जांच की प्रगति और पाकिस्तान को दी जाने वाली अगली चेतावनी या जवाबी कार्रवाई पर विचार हो सकता है। यह भी माना जा रहा है कि सीजफायर के बाद सीमा पर बदले हालात और सुरक्षा चुनौतियों पर गहन चर्चा होगी। पहलगाम हमले के बाद CCS की पिछली बैठकों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और तीनों सेना प्रमुख भी शामिल हुए थे। आज की बैठक में भी सुरक्षा से जुड़े अहम फैसले लिए जा सकते हैं। यह बैठक भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव और जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को देखते हुए बेहद अहम मानी जा रही है।
