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भूकंप को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट

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भूकंप या बम

दुनिया भर में क्यों आ रहे इतने भूकंप? इस रिपोर्ट ने चौंकाया

भूंकप के झटके को लेकर वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में खुलासा किया है कि अगर भूकंप और परमाणु धमाका एक ही समय पर या आस-पास हो जाएं, तो सबसे अच्छी मशीनें भी धोखा खा सकती हैं।

वाशिंगटन से एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसने दुनिया भर के सुरक्षा विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है। लॉस एलामोस लैब के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में कहा है कि कुछ भूकंप असल में चोरी-छिपे किए गए परमाणु हथियार परीक्षण भी हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब जमीन हिलती है, तो यह भूकंप भी हो सकता है और किसी सिक्रेट परमाणु बम के फटने का नतीजा भी। इन दोनों के झटकों में फर्क करना बहुत मुश्किल है। भले ही हमारे पास आजकल बहुत अच्छी तकनीक है, लेकिन अगर भूकंप और परमाणु धमाका एक ही समय पर या आस-पास हो जाएं, तो सबसे अच्छी मशीनें भी धोखा खा सकती हैं और सही से नहीं बता पाएंगी कि क्या हुआ है?

रिसर्च में नॉर्थ कोरिया का उदाहरण दिया गया है। नॉर्थ कोरिया ने पिछले 20 सालों में छह परमाणु परीक्षण किए हैं। जहां उन्होंने ये परीक्षण किए, वहां भूकंप मापने वाली मशीनें लगाई गईं। इन मशीनों ने दिखाया कि उन इलाकों में छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं। इससे पता चलता है कि परमाणु परीक्षण और भूकंप के झटके आपस में इतने मिल जाते हैं कि यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि असल में क्या हुआ था?

 

भूकंप के झटके और बम के धमाके? 

जोशुआ कारमाइकल और उनकी टीम ने इस मुश्किल को हल करने के लिए एक खास तरीके से भूकंप की तरंगों (पी-तरंगों और एस-तरंगों) का अध्ययन किया। उन्होंने एक ऐसी तकनीक भी बनाई जो 1.7 टन के छिपे हुए धमाके को लगभग 97% बार सही पहचान सकती है, लेकिन अगर भूकंप के झटके और धमाके के झटके 100 सेकंड के अंदर और 250 किलोमीटर के दायरे में आते हैं, तो उनकी यह तकनीक भी सिर्फ 37% बार ही सही बता पाती है।

इस रिसर्च का सबसे बड़ा नतीजा यह है कि अगर भूकंप और परमाणु परीक्षण के झटके एक साथ मिल जाएं, तो सबसे अच्छे डिटेक्टर भी धोखा खा सकते हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जिन इलाकों में अक्सर भूकंप आते हैं, वहां सिक्रेट परमाणु परीक्षण करना और उन्हें छुपाना अब और भी आसान हो जाएगा। इसका मतलब है कि दुनिया की सुरक्षा के लिए यह एक नई चिंता की बात है।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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