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8.5KM ऊपर उड़ी मिग-29 की छतरी

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धरती से 8.5KM ऊपर उड़ी मिग-29 की छतरी
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस को राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। जमीन से 8.5 किमी की ऊंचाई पर फाइटर प्लेन की छतरी उड़ने के बावजूद उन्होंने विमान को सुरक्षित उतारकर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। अमन अभ्यास गगन शक्ति-24 के तहत लंबी दूरी के फेरी मिशन पर निकले थे। अपनी सूझबूझ और अदम्य साहस के बल पर अमन ने विमान को पास के एयरबेस में सुरक्षित उतारा।
 गणतंत्र दिवस पर असाधारण साहस और अदम्य वीरता का प्रदर्शन करने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। शौर्य चक्र देश का तीसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है। 

फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस ने अपनी सूझबूझ और शौर्य के दम पर विपरीति परिस्थियों में एक बड़े हादसे को न केवल टाला बल्कि वायुसेना के विमान को सुरक्षित उतारने में कामयाबी भी हासिल की। उनके इसी अदम्य साहस को देखते हुए उन्हें शौर्य चक्र पुरस्कार से नवाजा गया है। 

चार साल से मिग-29 उड़ा रहे अमन सिंह

फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस को 15 जून 2019 में भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग शाखा में एक लड़ाकू पायलट के रूप में कमीशन किया गया था। अमन सात सितंबर 2020 से मिग-29 स्क्वाड्रन में तैनात हैं।

विमान की छत उड़ी मगर हिम्मत नहीं हारे अमन

पिछले साल 28 मार्च 2024 को अमन सिंह ने दो इंजन वाले मिग-29 फाइटर जेट से उड़ान भरी। रात के अंधेरे में अभ्यास गगन शक्ति-24 के तहत अमन ने लंबी दूरी के फेरी मिशन पर निकले। 20 मिनट की उड़ान के बाद उनका विमान 28,000 फीट यानी 8.5 किमी की ऊंचाई पर पहुंच गया। 

तेज धमाके के बाद आंखें हुईं बंद

पायलट ने विमान के हेड अप डिस्प्ले और कॉकपिट में अचानक बड़ी हलचल महसूस की। तेज धमाके की वजह से उनकी आंखें तक बंद हो गईं। दरअसल विमान की छतरी जमीन से 8.5 किमी ऊपर उड़ चुकी थी। वहां तापमान माइनस 35° से 40° सेल्सियस रहा। ऐसी स्थिति में पायलट को डीकंप्रेसन और हाइपोक्सिया बीमारी हो सकती है। हवा के तेज झटकों से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। सिर्फ कुछ सेकेंड में फैसला लेना होता है।

कुछ सेकेंड में विमान पर पाया कंट्रोल

इन गठिन परिस्थितियों में भी अमन सिंह ने अपना धैर्य और साहस कायम रखा। उन्होंने कुछ ही सेकेंड में विमान का नियंत्रण अपने हाथों में लिया। इसके बाद उन्होंने स्टैंडबाय रेडियो कंट्रोल का इस्तेमाल करके मामले की जानकारी नियंत्रण एजेंसियों को दिया और तुरंत पास के एयरबेस में उतरने का फैसला किया। छतरी उड़ने के बाद अमन सिंह का विमान 8 से सीधे 3 किमी की उंचाई पर आ पहुंचा।

 

आंखों में दर्द… मगर सुरक्षित उतारा विमान

आंखों में भीषण दर्द के बावजूद उन्होंने विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई। बता दें कि 28,000 फीट की ऊंचाई पर वायुमंडलीय दबाव बहुत कम होता है। यहां हवा बेहद पतली होती है। ऑक्सीजन का स्तर भी काफी कम होता है। बेहद विपरीत हालात और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह का साहस ही था कि उन्होंने न केवल अपनी जान बचाई बल्कि विमान को सुरक्षित बचा लिया।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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