

अलीगढ़ दो दिन पहले सरकारी जमीन पर बिना अनुमति लगाई गई डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा हटाने पर मंगलवार शाम जमकर बवाल हुआ। प्रतिमा उठाते ही लोग उग्र हो गए। पथराव व फायरिंग कर पुलिस को दौड़ा लिया। पुलिस व आम लोगों के कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी।
प्रधान व पूर्व प्रधान सहित तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने फायरिंग और बल प्रयोग करने से स्पष्ट इनकार किया है। आरोपितों की तलाश में कई थानों की पुलिस देर रात तक गांव में डेरा डाले रही।
बघेल समाज के लोगों ने किया था विरोध
दो दिन पहले गांव इब्राहिमपुर (भीमपुर) में ग्राम समाज की जमीन पर बघेल समाज के लोग मंदिर का निर्माण करा रहे थे। अनुसूचित जाति के लोगों की शिकायत पर अधिकारियों ने निर्माण रुकवा दिया। रविवार रात अनुसूचित जाति के लोगों ने खाली पड़ी दूसरी जगह पर डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा लगा दी। इसका बघेल समाज के लोगों ने विरोध किया।
सोमवार को दिन भर बातचीत हुई
दोनों पक्षों में टकराव की आशंका के चलते पुलिस मौके पर पहुंच गई। सोमवार को दिनभर चली वार्ता के बाद भी अनुसूचित जाति पक्ष के लोग प्रतिमा के पास ही बैठ गए। बिना अनुमति प्रतिमा लगाने पर लेखपाल दीपिका वार्ष्णेय ने मुकदमा पंजीकृत करा दिया। मंगलवार को पूर्व प्रधान छत्रपाल, मौजूदा प्रधान आशा लोधी व उनके पति निर्देश लोधी को हिरासत में ले लिया गया।
अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला। मंगलवार शाम करीब सात बजे पुलिस ने प्रतिमा को उठा लिया। इससे गुस्साए लोग हमलावर हो गए। पुलिसकर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई। भारी पुलिस बल के साथ एसएसपी संजीव सुमन, एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक पहुंचे।
हालात अब काबू में हैं- एसएसपी
एसएसपी के अनुसार, हालात काबू में हैं। कुछ लोगों ने पथराव किया था। उनकी तलाश की जा रही है। डीएम संजीव रंजन का कहना है कि सरकारी जमीन पर प्रतिमा लगाने का प्रयास किया गया था। इस तरह प्रतिमा न लगाने के लिए लोगों को समझाया गया था। शांति व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात की गई।
