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पूर्व मंत्री महेश जोशी गिरफ्तार, जलजीवन मिशन में घोटाले का आरोप

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पूर्व मंत्री महेश जोशी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. महेश जोशी को ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। कई बार नोटिस भेजने के बाद ईडी दफ्तर पहुंचे महेश जोशी से ईडी अधिकारियों ने 8 घंटे तक पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्री रहे डॉ. महेश जोशी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोक निर्माण विभाग (PHED) मंत्री डॉ. महेश जोशी से जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission- JJM) घोटाले में ईडी अधिकारियों ने 8 घंटे तक पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस सरकार में ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। पहले एसीबी ने जांच की। इसके बाद इस प्रकरण में ईडी की एंट्री हुई।

प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी महेश जोशी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। कई नोटिस देने बाद गुरुवार को महेश जोशी ईडी दफ्तर पहुंचे। घोटाले से जुड़े मामले में उनसे पूछताछ की गई और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया।

क्या है JJM घोटाला?

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission- JJM) घोटाला केंद्र सरकार की ‘हर घर नल’ योजना से जुड़ा है। वर्ष 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर जलदाय विभाग (PHED) से करोड़ों रुपये के टेंडर हासिल किए थे। श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने कुल 68 निविदाओं में भाग लिया, जिसमें से 31 निविदाओं में एल-1 (सबसे कम बोली) बनकर उन्होंने 859.2 करोड़ रुपये के टेंडर प्राप्त किए। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में हिस्सा लिया और 73 निविदाओं में एल-1 बनकर 120.25 करोड़ रुपये के टेंडर हासिल किए थे।

एसीबी ने किया घोटाले का खुलासा

अगस्त 2021 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जल जीवन मिशन के तहत हुए करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा किया था। गोपनीय सूत्रों से मिली जानकारी के बाद एसीबी ने जयपुर के सिंधी कैंप स्थित एक होटल पर छापा मारा, जहां जलदाय विभाग के अधिकारियों और दो ठेकेदारों को 2.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। इन गिरफ्तारियों के बाद जल जीवन मिशन के तहत हजारों करोड़ों रुपये के घोटाले की परतें खुलने लगीं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी जांच शुरू की।

ईडी ने इस मामले में तीन बार छापेमारी की थी, जिसमें डॉ. महेश जोशी के ठिकाने भी शामिल थे। इसके साथ ही जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए थे। 2024 में ईडी ने कुछ ठेकेदारों और बिचौलियों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ के दौरान डॉ. महेश जोशी की संलिप्तता की जानकारी मिली।

ईडी पूछताछ से बच रहे थे महेश जोशी

इसके बाद ईडी ने डॉ. जोशी को कई बार नोटिस जारी किया था, लेकिन उन्होंने हर बार व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पूछताछ से बचने की कोशिश की। कभी दस्तावेज एकत्र करने के लिए समय मांगा, तो कभी बीमारी का बहाना बनाया। एक बार तो जब ईडी ने उन्हें अंतिम मौका दिया, तो वे दिल्ली में एक अस्पताल में भर्ती हो गए थे, जिससे वे फिर से पूछताछ से बच गए थे।

हालांकि, आज 24 अप्रैल को डॉ. महेश जोशी आखिरकार ईडी के समक्ष पेश हुए। उनके साथ उनके निजी सचिव भी मौजूद रहे और उनके पास कुछ दस्तावेज भी थे, जिन्हें उन्होंने जांच एजेंसी को सौंपा। यह पूछताछ जल जीवन मिशन घोटाले में उनके भूमिका को लेकर थी और ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए वे आज खुद ईडी कार्यालय पहुंचे। ईडी के अधिकारियों ने उनसे घोटाले से जुड़े मामले में 8 घंटे तक पूछताछ की और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया।

कौन हैं महेश जोशी?

महेश जोशी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता हैं। गहलोत सरकार में उन्हें राजस्थान का लोक निर्माण विभाग मंत्री बनाया गया था। जोशी ने 2009 में राजस्थान के जयपुर निर्वाचन क्षेत्र से 15वीं लोकसभा में जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में हावा महल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में जीत हासिल की। जोशी को 2019 में राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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