Search
Close this search box.

गृह मंत्री अमित शाह ने की जलशक्ति मंत्री के साथ बैठक

राष्ट्रीय खबर

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

राष्ट्रीय खबर
अमित शाह और नदी की सांकेतिक तस्वीर

गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बैठक की है। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई है कि एक बूंद पानी भी पाकिस्तान न जाए।

पहलगाम में आतंकी हमला और बेगुनाहों की बेरहमी से हत्या पाकिस्तान को भारी पड़ रही है। भारत सरकार ने सिंधु नदी जल समझौते को तोड़ दिया है और इस बात की तैयारी शुरू कर दी है कि पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसा दिया जाए। इस मामले को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बैठक की है। दोनों नेताओं की बैठक में इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई है कि एक बूंद पानी भी पाकिस्तान नहीं जाने दिया जाए।

पानी रोकने के तरीके पर तुरंत काम शुरू होगा

अमित शाह और सीआर पाटिल की बैठक में ये तय हुआ कि पानी रोकने के हर तरीके पर तुरंत काम शुरू कर दिया जाए। दोनों नेताओं के बीच शार्ट टर्म और लांग टर्म रणनीति पर भी बात हुई। शाह की मीटिंग में सिंधु नदी पर सिर्फ पाटिल बैठे थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर का विषय कुछ और था और वो मिलकर निकल गए। भारत ये तय करेगा कि एक भी बूंद पानी नहीं पाकिस्तान जाने दिया जाए।

पानी को कैसे डायवर्ट किया जाएगा?

गृह मंत्री अमित शाह और सीआर पाटिल के बीच हुई बैठक में सिंधु नदी के जल को लेकर विस्तार से बात हुई है। सिंधु नदी के सिल्ट हटाने और ड्रेजिंग करने का काम तुरंत शुरू होगा। पानी को डायवर्ट की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा हुई। ये पानी वैसी नदियों में भी डायवर्ट किया जा सकता है जिसमें पानी की कमी रहती है। इस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए कैसे किया जाए और बांध बनाने पर विस्तृत चर्चा हुई।

समझिए पाकिस्तान पर क्या असर होगा

भारत सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान किया है। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को इस बारे में औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया है। पत्र में स्पष्ट किया कि संधि को निलंबित करने का निर्णय भारत सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद लिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था। समझौते के तहत सिंधु, झेलम, और चेनाब का जल अधिकार पाकिस्तान को और रावी, ब्यास और सतलुज का जल अधिकार भारत को मिला। पाकिस्तान की करीब 80% कृषि सिंचाई सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है। सिंधु जल समझौते पर भारत के रोक लगाने से पाकिस्तान में जल संकट उत्पन्न होगा और इसका असर कृषि पर पड़ेगा।

 

 

Red Max Media
Author: Red Max Media

Leave a Comment