

विजय देवरकोंडा ने एक बयान जारी कर आदिवासी समुदाय पर अपनी हालिया टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दिया है। साउथ सुपरस्टार ने कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उन्होंने कानूनी मुकदमे में फंसने के बाद माफी मांगी है।
विजय देवरकोंडा ने ‘रेट्रो’ ऑडियो लॉन्च के दौरान आदिवासी समुदाय के बारे में अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए एक बयान जारी किया। यह हैदराबाद के एक कार्यक्रम में पहलगाम हमले की निंदा करते हुए की गई उनकी टिप्पणियों के बाद हुआ और अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है। अपनी हालिया टिप्पणियों पर हुई आलोचना के जवाब में, विजय देवरकोंडा ने एक पोस्ट कर माफी मांगते हुए सफाई दी है। आदिवासी समुदायों के बारे में की गई अपनी कथित टिप्पणी से जुड़े विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
विजय देवरकोंडा ने मांगी माफी
विजय देवरकोंडा ने लिखा, ‘यह मुझे अभी पता चला है कि रेट्रो ऑडियो लॉन्च कार्यक्रम के दौरान मेरे द्वारा की गई एक टिप्पणी ने जनता के कुछ सदस्यों के बीच विवाद और चिंता पैदा कर दी है। मैं ईमानदारी से स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं किसी भी समुदाय, विशेष रूप से अनुसूचित जनजातियों को चोट पहुंचाने या उन्हें दुखी करने का मेरा बिल्कुल भी कोई इरादा नहीं था, जिनका मैं गहराई से सम्मान करता हूं और उन्हें हमारे देश का अभिन्न अंग मानता हूं।’ देवरकोंडा ने आगे कहा कि उनका कभी किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था और वह ‘भारत में एकता’ और लोगों के एक होने की बात कर रहे थे। एक्टर ने लिखा, ‘मैं एकता के बारे में बोल रहा था, कि कैसे भारत एक है, हमारे लोग एक हैं और कैसे हमें एक साथ आगे बढ़ना चाहिए। मैं एक देश के रूप में एकजुट रहने का आग्रह करते हुए, भारतीयों के किसी भी समूह के खिलाफ जानबूझकर भेदभाव नहीं करूंगा, जिन्हें मैं अपने परिवार की तरह, अपने भाइयों की तरह देखता हूं।’ अपने इरादे को और स्पष्ट करने के लिए, उन्होंने अपने शब्दों के चयन के ऐतिहासिक संदर्भ को समझाया और कहा, ‘मैंने जिस तरह से ‘आदिवासी’ शब्द का इस्तेमाल किया, उसका मतलब ऐतिहासिक और शब्दकोशीय अर्थ में था।’
‘आदिवासियों’ पर टिप्पणी कर फंसे विजय देवरकोंडा
कार्यक्रम में विजय देवरकोंडा ने कश्मीर के पहलगाम में हुई दुखद घटना के बारे में बात करते हुए कहा था, ‘कश्मीर में जो कुछ हो रहा है उसका समाधान उन्हें (आतंकवादियों को) शिक्षित करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनका दिमाग खराब न हो। उन्हें क्या हासिल होगा? कश्मीर भारत का है और कश्मीरी हमारे हैं। भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि पाकिस्तानी खुद अपनी सरकार से तंग आ चुके हैं और अगर ऐसा ही चलता रहा तो वे उन पर हमला कर देंगे। वे 500 साल पहले आदिवासियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं, बिना किसी समझदारी के लड़ रहे हैं।’ इस टिप्पणी के बाद से वह विवादों में हैं।
