

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 4 सप्ताह में अधिसूचित हों। इन चुनावों में ओबीसी आरक्षण 2022 से पहले के कानून के अनुसार लागू करने की बात कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन.के. सिंह की पीठ ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह 4 सप्ताह के भीतर चुनावों की अधिसूचना जारी करे। इसके साथ ही, ओबीसी समुदायों को आरक्षण 2022 में बंथिया आयोग की रिपोर्ट से पहले लागू कानून के अनुसार प्रदान किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश अंतरिम है और बंथिया आयोग की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं के परिणामों के अधीन रहेगा। इस आदेश से किसी भी पक्ष के तर्कों पर पूर्वाग्रह नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
नाव अधिसूचना: राज्य चुनाव आयोग को 4 सप्ताह के भीतर स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी करनी होगी।
ओबीसी आरक्षण: ओबीसी समुदायों को आरक्षण 2022 से पहले के कानून के अनुसार प्रदान किया जाएगा, जब तक कि बंथिया आयोग की रिपोर्ट पर निर्णय नहीं हो जाता।
चुनाव प्रक्रिया की समयसीमा: चुनाव प्रक्रिया को 4 महीनों के भीतर पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। यदि आवश्यक हो, तो उपयुक्त मामलों में समयवृद्धि के लिए अनुरोध किया जा सकता है।
लंबे समय से नहीं हुए चुनाव
इस निर्णय के साथ, महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों और 280 स्थानीय निकायों में चुनाव प्रक्रिया को गति मिलने की संभावना है, जो पिछले कुछ वर्षों से प्रशासनिक अधिकारियों के अधीन चल रहे हैं। महाराष्ट्र में कोरोनाकाल से स्थानीय नगर निगम चुनाव नहीं हुए हैं। महाराष्ट्र में मुंबई महानगरपालिका और अन्य महानगरपालिकाओं के चुनाव भी लंबे समय से नहीं हुए हैं। इन चुनावों को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठातकरे) सांसद संजय राउत ने कहा, ” सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है कि 4 महीने में स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न किया जाए। हमारी तैयारी है और हम सभी परिस्थितियों का सामना कर इस चुनाव में लड़ेंगे।”
