
पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान में आतंक के खिलाफ जमकर प्रहार किया। फिलहाल दोनों देशों ने संघर्ष विराम की घोषणा की है। इसके पीछे की रणनीति और अमेरिका की भूमिका का खुलासा हुआ है। जानें सबकुछ…
पहलगाम हमले के बाद आतंकवाद और उनके बुनियादी ढांचे पर हमला करने के लिए भारत ने पाकिस्तान में छुपकर बैठे आतंकियों पर सटीक हमला किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी हमला किया। दोनों देशों ने फिलहाल सीजफायर का ऐलान किया है और कल यानी 12 मई को दोनों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत होगी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों के बीच मध्यस्थता की बात कही थी लेकिन भारत ने उसका कोई जवाब नहीं दिया है। भारत ने अपना स्टैंड क्लियर किया है और कहा है कि दोनों देशों ने मिलकर सीजफायर का फैसला किया, किसी तीसरे ने इसमें कोई खास भूमिका नहीं निभाई।
कैसे दिया गया ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद बिहार से खुले मंच से संदेश दे दिया था जिसे पूरा किया गया। भारत आतंक के खिलाफ था, है और रहेगा। पीएम मोदी ने पूरी दुनिया को संदेश दिया था कि भारत आतंक को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। अब जानते हैं कैसे दिया गया ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम और पाकिस्तान को कितना हुआ नुकसान…
सैनिक दृष्टि से
-पीएम मोदी ने कहा था कि आतंक को मिट्टी में मिला देंगे। तो ये संकेत था पाकिस्तान में जो आतंक के तीन बड़े अड्डे थे, बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद में मिट्टी में मिला देंगे। तीनों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत आधे घंटे के ऑपरेशन में भारत ने मिट्टी में मिला दिया।
राजनीतिक दृष्टि से
-पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के बाद आतंक की Cost of terror पर लगाम लगाई। भारत ने कहा कि सिंधु जल समझौता सीमा पार आतंक से जुड़ा है और यह समझौता जब तक आतंकवाद रहेगा, तबतक रहेगा। ऐसा करके पाकिस्तान का पानी रोका गया जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गई।
मनोवैज्ञानिक दृष्टि से
पीएम ने जो संदेश जो दिया गया कि आतंकियों को घुस कर मारेंगे, सिर्फ सीमा पर नहीं बल्कि पाकिस्तान के भीतर घुस कर। इस तरह से ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकियों के गढ़ को नेस्तनाबूद कर दिया गया जिससे उन्हें मनोवैज्ञानिक चोट पहुंचाई गई।
