

बक्सर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है जिससे आसपास के जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के बलिया और गाजीपुर में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रयागराज में यमुना और केन नदियों में भी जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा किनारे के सभी जिले प्रभावित हैं जिससे लोगों में चिंता है।
बक्सर। जिले में गंगा खतरे के निशान से मात्र 40 सेंटीमीटर दूर है। शुक्रवार की शाम सात बजे के बाद जलस्तर में करीब दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है। जलस्तर में वृद्धि इसी तरह जारी रही तो रविवार या सोमवार तक जिले में गंगा खतरे के निशान को पार कर सकती है।
गंगा के अगले प्रवाह में उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती शहर बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर है। इसी तरह गंगा के रास्ते में बक्सर से ठीक पहले यूपी के शहर गाजीपुर में भी नदी खतरे के निशान से करीब 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के करीब है और वहां जलस्तर में तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है। प्रयागराज में संगम पर गंगा का जलस्तर चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है और खतरे के निशान को छूने को बेताब है।
शनिवार की सुबह आठ बजे बक्सर में गंगा का जलस्तर 59.91 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिंदु से करीब 60 सेंटीमीटर अधिक है। चालू सीजन में गंगा का यह सबसे अधिक जलस्तर है। इस मौसम में दूसरी बार गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर गया है।
सहायक नदियों में भी उफान की स्थिति
प्रयागराज में गंगा से मिलने से ठीक पहले, प्रतापपुर में यमुना का जलस्तर छह सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। यमुना की सहायक केन नदी का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। बेतवा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से घटने लगा है।
वहीं, प्रयागराज से आगे गंगा के अपस्ट्रीम पर नज़र डालें तो फर्रुखाबाद में गंगा एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रही है। नरौरा बांध से गंगा में काफी पानी आ रहा है। इसके चलते बदायूं ज़िले में भी गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।
पैसुनी नदी के जलस्तर ने बनाया रिकॉर्ड
इस बीच, चित्रकूट ज़िले में पैसुनी नदी ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस नदी का जलस्तर अपने सर्वकालिक स्तर को पार कर गया है। शनिवार सुबह 7 से 8 बजे के बीच नदी का जलस्तर आठ सेंटीमीटर बढ़कर 92.2 मीटर पर पहुंच गया।
इस नदी का अब तक का सर्वोच्च जलस्तर 91.42 मीटर था। यह दर्शाता है कि मानसूनी वर्षा का स्वरूप एक खास पैटर्न पर बदल रहा है। बिहार और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में औसत वर्षा में कमी आई है, जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों में औसत वर्षा में वृद्धि हुई है।
बिहार में गंगा किनारे के सभी जिले प्रभावित
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, खगड़िया, भागलपुर सहित गंगा किनारे के सभी जिले प्रभावित हैं। यदि बक्सर में खतरे का निशान पार हो जाता है, तो शेष जिलों में स्थिति और खराब हो जाएगी, क्योंकि बक्सर बिहार में गंगा की धारा में सबसे ऊँचा शहर है।
