

श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा में इस समय रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहां के लोगों को डर सता रहा है कि इस परियोजना के बनने के बाद वे बेरोजगार हो जाएंगे। बीते मंगलवार सैकड़ों की संख्या में कटड़ा में प्रदर्शन हुआ। श्राइन बोर्ड का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से श्रद्धालुओं की मुश्किल आसान होगी। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस परियोजना से स्थानीय लोग क्यों इतने मुखर हो रहे हैं और क्यों इसका इतना विरोध कर रहे हैं। आइए, इस आर्टिकल के माध्यम से विरोध की वजह और वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट से जुड़ा पूरा विवाद समझते हैं।
350 करोड़ की लागत से बन रहा प्रोजेक्ट
दरअसल, माता वैष्णो देवी भवन के ताराकोट मार्ग से लेकर सांझीछत तक श्राइन बोर्ड रोपवे परियोजना की शुरुआत कर रहा है। कटड़ा से केबल कार की सुविधा आगामी वर्ष 2027 में मिलने की संभावना है। श्राइन बोर्ड ने आगामी तीन वर्ष का लक्ष्य रखा है। खास बात है कि इस परियोजना से 13 किलोमीटर मार्ग की ऊंची चढ़ाई श्रद्धालुओं के लिए राहत का काम करेगी। यह प्रोजेक्ट 350 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है।
परियोजना का क्यों हो रहा विरोध
जैसी ही श्राइन बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट की घोषणा की, वैसी ही वहां के स्थानीय लोग इस परियोजना का विरोध करने लगे। श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति का कहना है कि यात्रा मार्ग पर तकरीबन 10 हजार घोड़े, पिट्ठू और पालकी वाले काम करते हैं। वहीं, रास्ते भर में 2500 छोटी-मोटी दुकानें भी हैं।
ऐसे में अगर यह प्रोजेक्ट बनाया जाता है तो वहां के लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहा है। क्योंकि इस प्रोजेक्ट के बनने के बाद केबल कार से जाने वाले यात्री बाणगंगा, चरण पादूका और अर्धकुंवारी के दर्शन नहीं कर पाएंगे। हालांकि, श्राइन बोर्ड का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बीमार-बुजुर्ग श्रद्धालुओं की मदद करना है।
बार-बार हो रही हड़ताल
वैष्णो देवी भवन पर सैकड़ों लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। श्राइन बोर्ड से जब किसी तरह की बात नहीं बनी तो बीते सोमवार श्री मात वैष्णो देवी संघर्ष समिति द्वारा कटड़ा बंद का आह्वान किया गया।
इस दौरान बीते मंगलवार माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटड़ा में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में भी लिया। समिति के नेता भूपिंदर सिंह और सोहन चंद के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने शहर में विरोध मार्च निकाला। उन्होंने श्राइन बोर्ड और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और उन पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
