

तेलंगाना की एससी/एसटी अदालत ने ऑनर किलिंग मामले में छह साल बाद दोषियों को सजा सुनाई है। अदालत ने बिहार के रहने वाले भाड़े के आरोपी को मौत की सजा सुनाई है। इसके अलावा हत्याकांड में शामिल अन्य छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। अंतरजातीय विवाह से खफा लड़की के परिजनों ने प्रणय नाम के युवक की सुपारी देकर हत्या करवाई थी।
तेलंगाना के नलगोंडा की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 2018 के ऑनर किलिंग मामले में एक भाड़े के हत्यारे को मौत की सजा और छह अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एससी/एसटी अदालत ने छह साल पहले अनुसूचित जाति के युवक पी. प्रणय की हत्या के लिए बिहार के मूल निवासी सुभाष कुमार शर्मा को मौत की सजा सुनाई।
सरेआम की गई थी प्रणय की हत्या
अमृता के पिता ने की आत्महत्या
प्रणय की हत्या के लिए भाड़े पर हत्यारे बुलाने वाले अमृता के पिता मामले में पहले आरोपित थे। वह जब जमानत पर थे तो सात मार्च 2020 को आत्महत्या कर ली। मारुति राव पर अन्य आरोपित के माध्यम से भाड़े के हत्यारे सुभाष शर्मा को एक करोड़ रुपये देकर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। छह साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने शर्मा को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।
बाकी दोषियों को हुई आजीवन कारावास की सजा
अन्य दोषियों में असगर अली, अब्दुल बारी, एमए करीम, मारुति राव के भाई श्रवण कुमार, ऑटो चालक निजाम और मारुति राव के कार चालक शिवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। असगर अली 2003 में गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या की हत्या का भी आरोपित है।
प्रणय के पिता पी बालास्वामी की शिकायत पर पुलिस ने आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। 12 जून 2019 को पुलिस ने ट्रायल कोर्ट में 1,600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। सुभाष शर्मा को छोड़कर सभी आरोपितों को 2019 में जमानत मिल गई थी।
