

छत्तीसगढ़ में प्रशासन को नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। राज्य के बीजापुर जिले में एक दिन में 22 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए सरकार और सुरक्षाबलों की कोशिश लगातार जारी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो रही है और उनका खात्मा किया जा रहा है। वहीं, अब नक्सली बड़ी आत्मसमर्पण यानी सरेंडर भी कर रहे हैं। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले आया है जहां रविवार को कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। बता कि बीते गुरुवार को बीजापुर में सुरक्षबलों के साथ एनकाउंटर में 26 नक्सली मारे गए थे।
नक्सलियों की पहचान आई सामने
बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर को लेकर पुलिस अधिकारी ने कहा कि अयातु पुनेम, पांडु कुंजम, कोसी तमो, सोना कुंजम और लिंगेश पदम पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा तिबरूराम माडवी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस के मुताबिक, ‘‘पुनेम प्रतिबंधित माओवादी संगठन के आंध्र-ओडिशा-सीमा (एओबी) मंडल के तहत प्लाटून नंबर 1 के सदस्य के रूप में सक्रिय था। पांडु और तामो क्रमशः प्लाटून नंबर-9 और प्लाटून नंबर- 10 के पार्टी सदस्य थे। सोना नक्सल संगठन की तेलंगाना राज्य समिति के तहत प्लाटून पार्टी का सदस्य था। माडवी, जनताना सरकार का प्रमुख था जबकि लखमा कदती, दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन (केएएमएस) का अध्यक्ष था। अन्य निचले स्तर के सदस्य थे।’’
सरडेंर करने वालों को मिलेगी ये सुविधा
छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते बुधवार को छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। इनमें आर्थिक मदद, पुनर्वास की व्यवस्था, शिक्षा और रोजगार के अवसर शामिल हैं।
अब तक कितने नक्सलियों ने सरेंडर किया
पुलिस अधिकारी के जानकारी दी है कि साल 2025 में अब तक बीजापुर में 107 नक्सलवादियों ने सरेंडर किया है। वहीं, सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 82 नक्सलियों को मार गिराया गया है। इसके साथ ही कुल 143 नक्सलियों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में साल 2025 में अब तक 90 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं और 164 ने आत्मसमर्पण किया है।
छ्त्तीगढ़ के किन जिलों में है नक्सलवाद?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश को 31 मार्च 2026 तक नक्सल हिंसा से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्रवाई लगातार जारी है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 15 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं। ये जिले बीजापुर, बस्तर, दंतेवाडा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद और नारायणपुर, राजनांदगांव, मोहला मानपुर अंबागढ़, खैरागढ़ छुईखदान गंडई, सुकमा कबीरधाम और मुंगेली हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि साल 2013 में देश के 10 राज्यों के 126 जिले नक्सलवाद की चपेट में थे। वहीं, 2024 में 9 राज्यों के 38 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं।
