

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में घायल एक शख्स ने अपनी आपबीती सुनाई है। शख्स ने बताया है कि कैसे आतंकी की गोली उसकी गर्दन के पास से निकल गई।
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। घायलों में नवी मुंबई के सुबोध पाटिल भी थे। वह इस आतंकी हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है।
पाटिल ने क्या बताया?
आतंकी हमले के दौरान एक गोली सुबोध पाटिल की गर्दन के पास से निकल गई थी। इंडिया टीवी से बात करते हुए सुबोध पाटिल ने विस्तार से बताया कि उस दिन क्या हुआ था। उन्होंने बताया कि कैसे आतंकवादियों ने हिंदू-मुसलमान पूछकर अलग किया। पाटिल ने बताया कि जो उनसे (आतंकियों) बात करता था, वो (आतंकियों) उसे शूट करते थे। चारों तरफ लाशें पड़ी थीं। 3-4 घोड़े वालों ने मदद की थी।
सुबोध ने बताया कि उन्हें केवल एक आतंकी के बारे में याद है। उसकी उम्र 24-25 साल लग रही थी। उसने गले में कपड़ा लपेटा हुआ था और उसने पठानी टाइप कपड़े पहन रखे थे। हालांकि सुबोध पाटिल ने हाशिम मूसा को नहीं देखा। उन्होंने बताया कि जो मुस्लिम थे, उन्होंने (आतंकियों) उन्हें छोड़ दिया। केंद्र सरकार और आर्मी पर पूरा भरोसा है कि कोई ना कोई कार्रवाई जरूर करेंगे।
15 अप्रैल को ही पहुंच गए थे आतंकी
हालही में ये खबर भी सामने आई थी कि आतंकी, 15 अप्रैल को ही पहलगाम में पहुंच गए थे। एनआईए इस मामले की जांच कर रही है। एनआईए की जांच में यह खुलासा हुआ है कि हाशिम मूसा, तल्हा भाई पाकिस्तानी आतंकी, 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे। इस हमले को अंजाम देने में 15 OGW ने मदद की थी। जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने जब वारदात को अंजाम दिया, उससे पहले ओवर ग्राउंड वर्कर्स का नेटवर्क तैयार करने में मदद की। जांच में ये पता चला है कि जिन आतंकियों ने वारदात को अंजाम दिया है वो पहले ही 15 अप्रैल को पहलगाम पहुंच गए थे।
