
पटना हाई कोर्ट के वकीलों ने बिहार में चल रहे जमीन सर्वे पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के पास खुद ही जमीन के कागजात नहीं हैं, ऐसे में पूर्वजों की जमीन का ब्योरा कैसे मिलेगा।
पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ताओं ने नीतीश सरकार द्वारा चलाए जा रहे भूमि सर्वे (Bihar Land Survey) को फौरन टालने की मांग की है। पटना हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद सिंह एवं बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य में जिस जल्दबाजी में जमीन सर्वे का कार्य किया जा रहा है, वह व्यावहारिक नहीं है। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वरीय अधिवक्ताओं ने कहा कि भूमि सर्वे की प्रक्रिया में कथित रूप से कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की जा रही है।
‘जमीन सर्वे से बढ़ी रिश्वतखोरी’
अधिवक्ताओं ने दावा किया कि इस प्रक्रिया में रिश्वतखोरी भी बढ़ गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भूमि सर्वे का काम जल्दबाजी में उठाया गया कदम है। सरकार को चाहिए कि संबंधित कर्मचारियों के जरिए पहले राजस्व रिकॉर्ड, जैसे खतियान, वंशावली व राजस्व रसीद आदि को दुरुस्त करे।
‘आपराधिक मामलों का अंबार लग जाएगा’
उन्होंने कहा कि यदि सर्वे का कार्य तत्काल प्रभाव से नहीं टाला गया तो जिस तरह से राज्य सरकार के कर्मियों की मिलीभगत से सर्वे के काम में गड़बड़ियां की जा रही है, आने वाले समय में अदालतों के समक्ष सिविल और आपराधिक मामलों का अंबार लग जाएगा। लोग बेवजह मुकदमेबाजी में फसेंगे। बहुत से लोग राज्य के बाहर रहते हैं, जिनकी अनुपस्थिति में उनके पट्टीदार नाजायज तरीके से जमीन में हेराफेरी करवा सकते हैं।
जमीन सर्वे को स्थगित करने की मांग
हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं ने इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। जो लोग अपने गाओं नहीं रहते और रोज़ीरोज़गार के लिए बाहर रहते हैं उनकी जमीन अगल बगल वालों ने अतिक्रमित कर लिया है; ऐसे में साकार के जमीन के एरियल सुर्वे में वास्तविक भूमि के वजाय काम जमीन दिखाई देगी और रविशनल सर्वे के दौरान बना नक्शा जमीन की मापी कुछ और होगी। वर्त्तमान में जमीन सर्वे का उठाया गया कदम जल्दीबाज़ी में उठाया गया कदम है। इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से स्थगित कर देना चाहिए। पहले कर्मचारियों के द्वारा राजस्व रिकॉर्ड में खतियान, वंशावली, रजिस्टर २ और जमीन राजस्व आदि दुरुस्त कर लिया जाए उसके बाद सर्वे का काम होना चाहिए।
