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वैश्विक संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र चिंतित

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वैश्विक संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र चिंतित

वैश्विक संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने बेहद चिंताजनक बयान जारी किया है। यूएन ने कहा कि जंग से सतत विकास लक्ष्य हासिल करने में बाधा पैदा हो रही है। यह पूरे विश्व के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

 रूस-यूक्रेन से लेकर मध्यपूर्व में इजरायल-हमास, इजरायल-हिजबुल्लाह, इजरायल-ईरान युद्ध और दक्षिण कोरिया-उत्तर कोरिया संघर्ष, चीन-ताइवान तनाव व अन्य देशों के बीच पैदा हो रहे संघर्षों को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता जाहिर की है। यूएन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि जारी वैश्विक संघर्ष सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए 2030 एजेंडा हासिल करने में बाधा डाल रहे हैं। यह स्थिति किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।

चीन के लिए नियुक्त संयुक्त राष्ट्र समन्वयक ने मंगलवार को 79वें संयुक्त राष्ट्र दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर करीब 80 संघर्ष हो रहे हैं, जिनका न केवल विस्तार हो रहा है, बल्कि वे एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने में भी बाधा डाल रहे हैं। चटर्जी ने कहा, ‘‘दुनियाभर में जारी लगभग 80 संघर्षों का विस्तार हो रहा है और असमानता बढ़ने के साथ गरीबी एवं भुखमरी बढ़ रही है।’’ राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र चटर्जी ने श्रीलंका में भारतीय शांति सेना में सेवा दी थी और वह भारत के पूर्वोत्तर में उग्रवाद रोधी अभियानों में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चुनौतीपूर्ण वैश्विक स्थिति सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में बाधक बन रही है।’

संघर्ष ने बढ़ाई भुखमरी

संयुक्त राष्ट्र की चिंता सतत विकास के अलावा भुखमरी को लेकर भी है। यूएन ने कहा कि युद्ध और संघर्षों के चलते हजारों की संख्या में लोग भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। उन तक राहत पहुंच पाना मुश्किल हो रहा है। यह काफी खतरनाक स्थित है।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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