

नदी जल विवादों के समाधान के लिए गठित ‘रावी ब्यास जल अधिकरण’ की हुई बैठक में भगवंत मान ने पंजाब में पानी के संकट को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसी के साथ पानी की एक बूंद भी साझा करने का सवाल ही नहीं उठता।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने एक बयान में बुधवार को कहा कि राज्य के पास किसी भी अन्य प्रदेश को पानी देने के लिए एक बूंद भी नहीं है। यह बयान उन्होंने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच नदी जल विवादों के समाधान के लिए गठित ‘रावी ब्यास जल अधिकरण’ के समक्ष दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब के 76.5 प्रतिशत ब्लॉक (153 में से 117) अत्यधिक दोहन वाले हैं, जहां भूजल का स्तर 100 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। वहीं, हरियाणा में यह आंकड़ा 61.5 प्रतिशत (143 में से 88) है। उन्होंने कहा कि अधिकतर नदी जल संसाधन सूख चुके हैं और राज्य को अपनी सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है।
जल संकट पर क्या बोले सीएम मान?
भगवंत मान ने यह भी जोर दिया कि पानी की उपलब्धता का पुनर्मूल्यांकन अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार होना चाहिए, ताकि पंजाब के किसानों और लोगों को न्याय मिल सके। मुख्यमंत्री ने अधिकरण से अनुरोध किया कि वह राज्य के लोगों को न्याय दिलाने के लिए उचित कदम उठाए।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में राज्य के पास इतना पानी नहीं बचा है कि वह इसे अन्य राज्यों के साथ साझा कर सके। उनका कहना था कि पंजाब के पास अब केवल इतना पानी है, जो वह अपने खाद्य उत्पादकों की सिंचाई के लिए ही उपयोग कर सकता है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में जल संकट की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि पानी की कमी के कारण पंजाब को अपनी कृषि और सिंचाई जरूरतों के लिए मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।
