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महाराष्ट्र में कांग्रेस को लगा झटका

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महाराष्ट्र में कांग्रेस को लगा झटका, पुणे से पूर्व विधायक रविंद्र धंगेकर शिवसेना में हुए शामिल
एकनाथ शिंदे ने रविंद्र धंगेकर को शिवसेना की सदस्यता दिलाई। धंगेकर पुणे से विधायक रह चुके हैं। धांगेकर के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें महीनों से लग रही थीं। उन्होंने 2023 में कस्बा विधानसभा उपचुनाव जीता था।
महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पुणे से पूर्व विधायक रविंद्र धंगेकर शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। धांगेकर के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें कई महीनों से लग रही थीं। उन्होंने 2023 में कस्बा विधानसभा उपचुनाव जीता, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा के मुरलीधर मोहोल से हार गए थे। इसके बाद 2024 के विधानसभा चुनावों में वह कस्बा सीट से भाजपा के हेमंत रासने के खिलाफ हार गए, जिसे उन्होंने एक साल पहले उपचुपनाव में हराया था। सोमवार दोपहर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया और शाम तक उन्होंने शिवसेना की सदस्यता ले ली।

धंगेकर ने कांग्रेस छोड़ने के बाद पत्रकारों से कहा था कि वह सोमवार शाम उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करेंगे और उसके बाद शिवसेना में शामिल होने को लेकर अंतिम फैसला लेंगे। उन्होंने कहा था, “कांग्रेस छोड़ना दुखद है। चुनावों में सभी ने मेरे लिए मेहनत की, लेकिन मेरे समर्थकों और मतदाताओं की भावनाएं हैं कि मुझे ऐसा फैसला लेना चाहिए जिससे (कसबा) क्षेत्र में विकास कार्य हो सकें।”

उदय सामंत ने शिवसेना में बनाई जगह

धंगेकर ने बताया कि हाल ही में उन्होंने शिंदे और शिवसेना के मंत्री उदय सामंत से मुलाकात की थी, जिन्होंने उन्हें साथ काम करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा था, “अपने समर्थकों और मतदाताओं से चर्चा के बाद यह तय किया गया कि हमें शिंदे के साथ काम करना चाहिए। मैं आज उनसे मिलूंगा और उसके बाद निर्णय लूंगा।”

चुनाव में खराब प्रदर्शन और अंदरूनी कलह बनी वजह

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) के कई नेता पार्टी छोड़कर महायुति में शामिल दल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार) में शामिल हो रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले चार-पांच साल तक महाविकास अघाड़ी में रहने वाले नेताओं को कुछ नहीं मिलने वाला। इसके साथ ही गठबंधन में शामिल सभी दलों में अंदरूनी कलह भी है। इसी वजह से नेता पाला बदल रहे हैं। जिन नेताओं को तुरंत फायदा चाहिए वह शिवसेना में शामिल हो रहे हैं और जिन नेताओं को लंबे समय में फायदा चाहिए वह बीजेपी का दामन थाम रहे हैं।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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