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चीन लगातार पाकिस्तान को पनडुब्बी भेज रहा है

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पनडुब्बी

हिंद महासागर में पाक नौसेना को मजबूत करने में जुटा ‘ड्रैगन’, दूसरी पनडुब्बी सौंपी, आठ पनडुब्बियों का है करार

अरब सागर में चीनी नौसेना का लगातार विस्तार हो रहा है। वह बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित करने के साथ-साथ हिंद महासागर में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।

चीन ने अरब सागर में भारत के करीब हिंद महासागर में अपनी स्थिति सुदृढ़ करने की रणनीति के तहत पाकिस्तानी नौसेना को मजबूत करने की कोशिश कर रही है और इसी कड़ी में अत्याधुनिक हथियारों और टेक्नोलॉजी से लैस दूसरी पनडुब्बी की आपूर्ति की है। चीन के आधिकारिक मीडिया ने रविवार को बताया कि हंगोर श्रेणी की पनडुब्बी, को चीन के हुबेई प्रांत के वुहान में जलावतरण किया गया। यह पाकिस्तान को करीब पांच अरब डॉलर के सौदे के तहत दी गई आठ ऐसी पनडुब्बियों में शामिल है। यह उन चार आधुनिक नौसैनिक ‘फ्रिगेट’ के अतिरिक्त है, जो चीन ने पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान को सौंपे हैं। यह आपूर्ति पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत को बढ़ाने के प्रयासों के तहत की गई है।

हिंद महासागर में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है चीन

अरब सागर में चीनी नौसेना का लगातार विस्तार हो रहा है। वह बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित करने के साथ-साथ हिंद महासागर में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। एक चीनी विशेषज्ञ ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को बताया कि नई पनडुब्बी में मजबूत व्यापक युद्ध क्षमता है, जो पाकिस्तानी नौसेना का मुख्य आधार बन सकती है। पाकिस्तानी नौसेना द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक समझौते के तहत पाकिस्तान चीन से आठ हैंगर श्रेणी की पनडुब्बियां खरीदेगा। इनमें से चार का निर्माण चीन में किया जाएगा, जबकि बाकी का निर्माण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत कराची में किया जाएगा।

लंबे समय तक गुप्त रूप से परिचालन करने की क्षमता

विज्ञप्ति के मुताबिक पनडुब्बियों में अत्याधुनिक हथियार और संवेदक लगाए जाएंगे, जिससे वे दूर स्थित लक्ष्यों पर निशाना साधने में सक्षम होंगी। चीनी सैन्य मामलों के विशेषज्ञ झांग जुनशी ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि हंगोर श्रेणी की पनडुब्बियों में पानी के अंदर मजबूत युद्ध क्षमताएं हैं और वे वायु-स्वतंत्र प्रणोदन प्रणाली से सुसज्जित हैं, जो इसे मजबूत, लंबे समय तक गुप्त रूप से परिचालन करने और गतिशीलता की क्षमता प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी मारक क्षमता में टॉरपीडो, जहाज रोधी मिसाइलें और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता के साथ-साथ उन्नत पानी के नीचे दुश्मन की पहचान प्रणाली भी शामिल है।

सैन्य टिप्पणीकार और चीनी सेना के पूर्व प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग ने हांगकांग से प्रकाशित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ अखबार को बताया कि अगर पाकिस्तान अनुरोध करता है तो चीन अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, जे-35, स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर का भी उसे निर्यात कर सकता है।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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