

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा के सदस्यों को धार्मिक मामलों पर ऐसी टिप्पणी करने से बचने की सलाह दी है जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों। उन्होंने कहा कि किसी को भी यह महसूस नहीं होना चाहिए कि इस सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जाती। उमर अब्दुल्ला ने उन 39 दुकानदारों के मुद्दे को सुलझाने का भी भरोसा जताया।
दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी बात पर बात करने से बचना बेहतर है। वे वरिष्ठ भाजपा नेता और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा द्वारा अपने भाषण के दौरान कथित अवैध अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने के लिए विधायी जिहाद शब्द का इस्तेमाल करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
‘मुसलमान जिहाद के अलावा कुछ नहीं जानते’
लेकिन विपक्ष के नेता बार-बार जिहाद शब्द का इस्तेमाल करके यह संदेश देना चाहते हैं कि मुसलमान जिहाद के अलावा कुछ नहीं जानते। यह भी गलत है।
सीएम ने फकीर मोहम्मद खान की आत्महत्या पर जताया शोक
गुरेज से भाजपा नेता और पूर्व निर्दलीय विधायक फकीर मोहम्मद खान द्वारा श्रीनगर में कथित तौर पर आत्महत्या करने पर मुख्यमंत्री ने इसे बहुत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि उन्हें नहीं पता कि किस वजह से उन्होंने ऐसा कदम उठाया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने सदन को इस घटना के बारे में सूचित किया।
उन्होंने शायद अपने निजी सुरक्षा अधिकारी की राइफल का इस्तेमाल किया। मैं उनके परिवार के साथ उनके निधन पर शोक व्यक्त करता हूं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। हमें नहीं पता कि किस वजह से उन्होंने ऐसा कदम उठाया लेकिन हमें उनके साथ पूरी सहानुभूति है।
