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तमिल नाडु में पहली संयुक्त कार्रवाई समिति में पास हुआ प्रस्ताव

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तमिल नाडु में पहली संयुक्त कार्रवाई समिति में पास हुआ प्रस्ताव

‘परिसीमन को 25 साल टालें, संविधान में करें संसोधन’, तमिलनाडु में हुई JAC की मीटिंग में पास हुए ये प्रस्ताव

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा परिसीमन पर पहली संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की बैठक में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि लोकतंत्र और संघवाद की नींव जो खतरे है। इसलिए, एक अच्छी शुरुआत हुई है, और आज एक निष्पक्ष परिसीमन संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) का गठन किया गया है।

ज्वाइंट एक्शन कमेटी ( JAC) की मीटिंग में परिसीमन के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से “पारदर्शिता और स्पष्टता की कमी” पर चिंता व्यक्त की गई। जेएसी ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से किसी भी परिसीमन पर पारदर्शिता की मांग की और 1971 की जनगणना जनसंख्या के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में परिसीमन को अगले 25 साल के लिए टालने की अपील की।

जेएसी की तरफ से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि लोकतंत्र को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए किसी भी परिसीमन को पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए, जिससे सभी राज्यों के राजनीतिक दलों, राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों को विचार-विमर्श, चर्चा और इसमें योगदान करने का मौका मिले।

संविधान में संसोधन की मांग

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुआई वाली जेएसी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह उन राज्यों को “दंडित न करे” जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है। जेएसी ने कहा कि जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है और परिणामस्वरूप जिनकी जनसंख्या में कमी आई है, उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को इस उद्देश्य के लिए आवश्यक संवैधानिक संशोधन करने चाहिए।

विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे राजनीतिक दल

इसके अलावा जेएसी ने संकल्प लिया कि बैठक में प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न राज्यों के राजनीतिक दल परिसीमन मुद्दे पर विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे और केंद्र सरकार को इसकी जानकारी देंगे। जेएसी समन्वित जनमत जुटाने की रणनीति के माध्यम से अपने-अपने राज्यों के नागरिकों के बीच पिछले परिसीमन के इतिहास और संदर्भ और प्रस्तावित परिसीमन के परिणामों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए आवश्यक प्रयास भी करेगा।

संसद में भी विरोध करेंगी विपक्षी पार्टियां

इसके अतिरिक्त जेएसी ने संकल्प लिया कि उनके सांसद परिसीमन का संसद में विरोध करेंगे। प्रस्ताव में कहा गया है, “प्रतिनिधित्व वाले राज्यों के सांसदों से बनी कोर कमेटी केंद्र सरकार द्वारा बताए गए सिद्धांतों के विपरीत किसी भी परिसीमन को शुरू करने के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए संसदीय रणनीतियों का समन्वय करेगी।

हैदराबाद में होगी अगली मीटिंग

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन द्वारा बुलाई गई जेएसी की पहली बैठक आज चेन्नई में हुई। बैठक में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास और बीजू जनता दल के नेता संजय कुमार दास बर्मा सहित कई राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया। स्टालिन ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर अगली बैठक हैदराबाद, तेलंगाना में होगी।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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