

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दी है और राजनयिक संबंध घटाने के साथ अन्य सख्त कदम उठाए हैं। सिधु जल संधि के स्थगित होने से पाकिस्तान में जल, खाद्य और ऊर्जा संकट बढ़ सकता है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार रात घोषणा की कि भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने, राजनयिक संबंधों में कटौती और अन्य कठोर कदमों के जवाब में प्रतिक्रिया तय करने के लिए पाकिस्तान का शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व गुरुवार को बैठक करेगा। यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े कदमों के जवाब में बुलाई गई है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी और आतंकियों ने हिंदू धर्म के अनुयायियों की पहचान करके उन पर गोलियां चलाई थीं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ने अपने बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित होगी। भारतीय कदमों का उचित जवाब देने के लिए निर्णय लिए जाएंगे।’ इस बैठक में थल सेना, नौसेना, और वायु सेना के प्रमुखों के साथ-साथ प्रमुख कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। ऐसी बैठकें आमतौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई जाती हैं। पहलगाम में हुई जघन्य आतंकी वारदात के बाद पाकिस्तान पर एक बार फिर उंगलियां उठने लगी हैं, और माना जा रहा है कि भारत सरकार अभी और कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
भारत ने उठाए हैं कई सख्त कदम
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ते हुए कई सख्त कदम उठाए हैं। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी कि CCS की बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए:
- सिंधु जल संधि को स्थगित करना: 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला तब तक लागू रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता।
- राजनयिक संबंधों में कटौती: 01 मई, 2025 तक और कटौती के माध्यम से उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या वर्तमान में 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना, और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित किया गया है, जिन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ना होगा।
- अटारी बॉर्डर बंद: अटारी एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। वैध दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान गए भारतीय नागरिकों को 1 मई 2025 तक लौटने की अनुमति दी जाएगी।
- पाकिस्तानी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध: पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा की अनुमति नहीं होगी। पहले जारी किए गए सभी SVES वीजा रद्द कर दिए गए हैं, और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
- भारतीय स्टाफ की वापसी: भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से रक्षा, नौसेना, और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है। दोनों देशों के उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे।
इन फैसलों की घोषणा विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने कहा कि CCS ने पहलगाम हमले के अपराधियों और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने का संकल्प लिया है।
