

गाजियाबाद में RPF ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए धूल फांक रहे Walkie Talkies का उपयोग फिर से शुरू कर दिया है। सूचना के तुरंत लेनदेन के लिए वाॅकी-टाॅकी दिए गए हैं जिससे रेलवे की सुरक्षा में सुधार होगा। अधिकारियों ने सभी को इनके नियमित उपयोग का आदेश दिया है।
RPF Ghaziabad ने धूल फांक रहे Walkie Talkies का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। अब आरपीएफ के अधिकारी और सिपाही वाॅकी-टाॅकी हाथ में लेकर यात्रियों की मदद करते नजर आएंगे। यह वाॅकी टाॅकी लंबे समय से थाने के बंद कमरे में धूल फांक रहे थे। शनिवार को इस संबंध में दिशा निर्देश दिए गए।
त्वरित सूचना के आदान प्रदान के लिए आरपीएफ के जवानों को वाॅकी-टाॅकी दिए गए थे, जिसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। उन्होंने सूचना के लिए मोबाइल का प्रयोग करना शुरू कर दिया, लेकिन जो काम वाॅकी-टाॅकी कर सकता है वह मोबाइल नहीं कर सकता है। वाॅकी-टाॅकी के प्रयोग करने पर अधिकारियों ने भी ध्यान नहीं दिया।
इसका प्रयोग बंद करने से रेलवे की सुरक्षा से संबंधित कई तरह की समस्याएं आईं, लेकिन इसके बाद भी प्रयोग शुरू नहीं किया गया। थाने के एक कमरे में वॉकी-टाॅकी धूल फांकते रहे थे। अब ड्यूटी पर इनके नियमित प्रयोग का आदेश दिया गया है। सभी वॉकी टॉकी को ठीक कराने के बाद शनिवार को आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन पर इनका उपयोग किया।
इसलिए किया जाता है वाॅकी-टाॅकी का प्रयोग :
- त्वरित संचार: वाॅकी-टाॅकी का प्रयोग तुरंत और आसानी से संवाद करने के लिए किया जाता है। इससे संवाद पारंपरिक फोन या रेडियो की तुलना में तेजी से होता है।
- समन्वय: टीम को एक साथ काम करने और समन्वय करने के लिए वाॅकी-टाॅकी अहम है। यह उन्हें एक ही चैनल पर बात करने और एक-दूसरे को जल्दी से सूचना भेजता है।
- सुरक्षा: वाॅकी-टाॅकी का उपयोग पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा के लिए भी अहम है। यदि कोई आपात स्थिति होती है तो वह तुरंत अपने सहयोगियों को सूचित कर सकते हैं।
- लाइव सूचना: वाॅकी-टाॅकी का उपयोग लाइव सूचना प्राप्त करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए किया भी जाता है।
- आदेश: वाॅकी-टाॅकी का उपयोग पुलिस अधिकारियों को आदेश और निर्देश प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है।
वाॅकी-टाॅकी का प्रयोग करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए है। यात्रियों व रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा के लिए वह सूचनाओं का आदान प्रदान वाॅकी-टाॅकी से करेंगे।
– चेतन प्रकाश, आरपीएफ थाना प्रभारी
