

स्कूल में बच्चों को सिखाया गया है कि हमला होने पर किस तरह से खुद को बचाना है और दूसरे लोगों की भी मदद करनी है। मॉक ड्रिल के वीडियो में बच्चों के जमीन पर लेटे देखा जा सकता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं। इस बीच भारत सरकार ने आम लोगों के लिए मॉक ड्रिल करने का फैसला किया है। सात मई को पूरे देश में मॉक ड्रिल होगी। इससे पहले नवी मुंबई में बच्चों को हमले से बचने का तरीका सिखाया है। मॉक ड्रिल के जरिए 3000 एनसीसी कैडेट्स को युद्ध जैसी स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देशभर में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है।
मुंबई से सटे नवी मुंबई के एक कॉलेज में मंगलवार को खास ट्रेनिंग कैंप लगाया गया, जहां मुंबई और आसपास के स्कूलों और कॉलेजों के करीब 3000 एनसीसी कैडेट्स को युद्ध जैसी आपात स्थितियों से निपटने की ग्राउंड ट्रेनिंग दी गई। सायरन बजते ही स्कूल के बच्चों को सिखाया गया कि कैसे पैनिक नहीं करना है, तुरंत डेस्क के नीचे छिपना है, लाइट बंद कर देनी है और अगली सूचना तक क्लासरूम में ही रहना है।
बच्चों को दी गई ट्रेनिंग
बच्चों को लाइव डेमो के जरिए सिखाया गया कि अगर एयर स्ट्राइक हो, बिल्डिंग ढहे, दीवार गिरे, और लोग घायल हो जाएं तो उन्हें कैसे रेस्क्यू करना है। कैडेट्स को फर्स्ट ऐड देना, स्ट्रेचर पर ले जाना, और जरूरत पड़ने पर मैन्युअल स्ट्रेचर बनाना भी सिखाया गया। एक बच्चे ने बताया “हमें आज सिखाया गया कि ऐसी स्थिति में कैसे बिना घबराए लोगों की मदद करनी है। ये ट्रेनिंग हम अपने घरों और सोसायटी में भी लोगों को देंगे।”
अन्य स्कूलों में भी होगी ट्रेनिंग
एनसीसी ट्रेनिंग ऑफिसर ने बताया “यह ट्रेनिंग सिर्फ युद्ध नहीं, बल्कि किसी भी आपदा की स्थिति में नागरिक सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।” मुंबई एनसीसी बटालियन-3 द्वारा आयोजित इस कैंप में 100 से ज्यादा स्कूल और कॉलेज शामिल हुए हैं। ट्रेनिंग के ज़रिए सिर्फ फिजिकल तैयारी ही नहीं, मानसिक रूप से भी छात्रों को आपदा से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है। अफसर ने कहा “मुंबई और महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों में भी इसी तरह की मॉक ड्रिल और ट्रेनिंग आने वाले दिनों में होगी, ताकि आम जनता भी किसी भी आपदा के लिए तैयार रह सके।”
