

विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि आसपास काफी अस्पताल मौजूद हैं और यहां नया अस्पताल बनने से काफी जाम लगेगा। इससे आम लोगों को परेशानी होगी। अस्पताल का निर्माण दो बड़े ग्रुप मिलकर कर रहे हैं।
दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें इलाके में किसी भी तरह की कमर्शियल गतिविधि की जरूरत नहीं है और अस्पताल यहां नहीं बनना चाहिए। ग्रेटर कैलाश के लोगों का यह भी कहना है कि आसपास कई अच्छे अस्पताल मौजूद हैं। अगर नया 400 बेड का यह प्राइवेट हॉस्पिटल बनेगा तो इलाके में जाम और दूसरी समस्याएं पैदा हो जाएंगी। इसलिए वह इसका विरोध कर रहे हैं। अभी इस प्राइवेट हॉस्पिटल का निर्माण कार्य शुरुआती चरण में है।
इस प्राइवेट अस्पताल का निर्माण दो बड़े ग्रुप मिलकर कर रहे हैं। इसका विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि अस्पताल खुलने से आसपास के इलाकों में कई मेडिकल स्टोर भी खुलेंगे और अन्य तरह की दुकानें भी खुलेंगी। इससे पूरे इलाके में हमेशा वाहनों और लोगों की भीड़ रहेगी। इस वजह से यहां रहने वाले लोगों का जीवन मुश्किल हो जाएगा।
हाथ में पोस्टर लेकर विरोध करने पहुंचे लोग
यहां प्रदर्शन करने वाले लोग हाथ में पोस्टर लेकर पहुंचे थे, जिनमें अस्पताल बनने से होने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया था। लोगों ने पोस्टर के जरिए बताया कि अस्पताल बनने से फुटपाथ पर लोगों की भीड़ जमा रहेगी। लोग यहां दिन-रात बैठे रहेंगे। इससे ग्रेटर कैलाश दूसरा यूसुफ सराय बन जाएगा। दिल्ली के यूसुफ सराय मार्केट में अतिक्रमण बड़ी समस्या है।
एंबुलेंस के सायरन से परेशानी
एक पोस्टर में लिखा गया था कि अस्पताल बनने से यहां की सड़कों पर हमेशा जाम रहेगा। लोगों ने कहा कि अस्पताल बनने पर यहां से एंबुलेंस गुजरेंगी और उसके सायरन से दिन-रात लोगों की नींद हराम होगी। लोगों ने कहा कि अस्पताल के बाहर लोग जिंदगी की जंग लड़ते रहते हैं।
50 हजार लोगों के विरोध का दावा
विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि ग्रेटर कैलाश-1 में रहने वाले 50 हजार लोग इस अस्पताल का विरोध करते हैं। यह अस्पताल अर्चना कॉम्प्लेक्स के सामने बनाया जा रहा है। लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पताल एक ट्रस्ट की जमीन पर बन रहा है। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल निर्माताओं ने रिश्वत देकर यहां अस्पताल बनाने की अनुमति हासिल की है।
