

महाराष्ट्र साइबर पुलिस के एडीजी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद से कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा प्रणालियों और सरकारी वेबसाइटों पर लगातार साइबर हमले की कोशिश हुई।
महाराष्ट्र साइबर पुलिस के एडीजी यशस्वी यादव ने सोमवार को साइबर हमले से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि देश के अंदर और देश के बाहर ऐसे कुछ लोग हैं जो महत्त्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठानों पर साइबर हमले करने की कोशिश कर रहे हैं और एक ग्रुप ऐसा भी है जो सोशल मीडिया के जरिए गलत जानकारी फैला रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर पुलिस की पैनी नजर है।
22 अप्रैल से अब तक 15 लाख साइबर अटैक की कोशिश हुई
एडीजी यशस्वी ने बताया कि 22 अप्रैल के बाद से अब तक करीब 15 लाख साइबर अटैक करने की कोशिश की जा चुकी है। इनमें से साइबर अपराधी 150 अटैक करने में सफल भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत के खिलाफ अफवाह फैलाने वाले 83 सोशल मीडिया हैंडल की पहचान भी की गई है, जिसे बंद किया गया है। एडीजी ने बताया कि महत्त्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को साइबर अटैक से बचाया गया हैl
साइबर अटैक को लेकर सामने आई ये जानकारी
उन्होंने कहा कि अब Roar of Sindoor नाम की रिपोर्ट पब्लिश की गयी हैl इस रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान, मिडिल ईस्ट से ऐसे कई ग्रुप्स की पहचान की गई जो मालवेयर के ज़रिये अटैक करते हैंl इन ग्रुपों की पहचान एटीपी 36, टीम पागल पीके, रहस्यमय टीम, होक्स 377, राष्ट्रीय पाकिस्तान संबद्ध ग्रुप के रूप में की गई। ये अभी तक 15 लाख साइबर अटैक कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान गलत जानकारी भी फैलाई जाती है। भारत में मौजूद स्लीपर सेल भी एक्टिव हो सकता है जिनके आइडेंटिटी अभी सामने नहीं लायी गयी हैl
गलत सूचना फैलाने वाली पर कड़ी नजर
एडीजी ने कहा कि फेक नैरेटिव और गलत सूचना वार देश के खिलाफ छेड़ा गया है। जिसमें पांच हजार गलत सूचना कैंपेन चलाए गए हैं। महाराष्ट्र में बिजली केंद्र खराब, ब्रह्मोस केंद्र पर हमले के बारे में झूठा अभियान के बारे में गलत जानकारी सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई।
