

आतंकवाद पर अमेरिका की कलई पूरी दुनिया के सामने खुल गई है। पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवाद पर अमेरिका चुप्पी साध गया। उसके प्रवक्ता मूल सवाल का जवाब टालकर सीजफायर की बात करने लगे।
आतंकवाद पर अमेरिका का दोहरा चरित्र दुनिया के सामने आ गया है। पाकिस्तान के आतंकवाद पर पूछे गए एक सवाल पर अमेरिका ने चुप्पी साध ली और इस सवाल का जवाब देने के बजाय उसके प्रवक्ता भारत-पाकिस्तान के सीजफायर पर बात करने लगे। बता दें कि यह सवाल पूछा गया था कि ‘क्या अमेरिका को पाकिस्तान के साथ बातचीत के दौरान कोई आश्वासन या प्रतिबद्धता मिली है कि पाकिस्तान अपने आतंकी ढांचे को खत्म करेगा या देश में आतंकी समूहों का समर्थन करना बंद कर देगा’…इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रधान प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि वह सीजफायर पर बात करने लगे।
टॉमी ने मूल सवाल का जवाब टालते हुए कहा, “… मैं केवल यह दोहरा सकता हूं कि हम इस सप्ताहांत भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध विराम का स्वागत करते हैं। हम दोनों प्रधानमंत्रियों की शांति का मार्ग चुनने के लिए सराहना करते हैं… हम दोनों पक्षों के बीच सीधे संवाद को भी प्रोत्साहित करना चाहते हैं…”उन्होंने कहा कि शांति का रास्ता चुनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की सराहना करते हैं। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, उनका निर्णय शक्ति, बुद्धिमत्ता और धैर्य को दर्शाता है। हम दोनों पक्षों से क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए सीधा संवाद बनाए रखने का आग्रह करते हैं।”
युद्ध के करीब थे भारत-पाकिस्तान
बता दें कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला करके 22 लोगों की जान ले ली थी। उन्हें हिंदू-मुस्लिम धर्म पूछकर मारा था। इस घटना का बदला लेने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये पाकिस्तान के 8 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। इस घटना से बौखलाए पाकिस्तान ने तब भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया, लेकिन भारत ने उसके हथियारों को न सिर्फ मार गिराया, बल्कि पाकिस्तान के 11 आर्मी बेस को भी तबाह कर दिया।
