भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल 10 जून को करेंगे ‘फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल’ की शुरुआत

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फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल का उद्घाटन |
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल लॉन्च किया जिससे निवेशकों को 45 दिनों में मंज़ूरी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब निवेशकों के लिए तैयार है लालफीताशाही खत्म होगी। सरकार उद्योगपतियों का विश्वास जीतने और उनके कारोबार में सहयोग करने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अब सहयोगी की भूमिका निभाएंगे।

विश्वास, पारदर्शी पहुंच और परिवर्तन के नए युग की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल (10 जून को) ‘फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल’ की शुरुआत करेंगे, जो निवेशकों को आवेदन करने के 45 दिनों के भीतर सभी जरूरी मंज़ूरियां सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुधार अंत नहीं हैं, बल्कि एक लहर की शुरुआत है। एक ऐसी लहर, जहां कारोबार में आसानी केवल नारा नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक संस्कृति बनती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब हमेशा बहादुरों, नवोन्मेषकों और वीरों की धरती रहा है और अब यह भावना भारत की औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करने के लिए तैयार है। 

उन्होंने कहा कि यह हर निवेशक के लिए एक साहसी ऐलान है कि पंजाब अपने नियमों के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ कारोबार के लिए तैयार है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि फास्ट ट्रैक पंजाब पोर्टल एक तकनीकी उन्नयन से कहीं अधिक, एक नए औद्योगिक प्रशासन मॉडल की रीढ़ की हड्डी है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विवेक को अनुशासन में, देरी को डिजिटल में और उलझनों को स्पष्टता में बदल रही है। उन्होंने कहा कि 45 दिनों के भीतर अनुमतियाँ प्राप्त करने से लेकर लालफीताशाही को समाप्त करने तक, पंजाब की प्रणाली अब सामान्य नहीं रही, बल्कि यह सक्रिय, सटीक और पेशेवर बन गई है। 

भगवंत सिंह मान ने कहा कि चाहे निवेशक स्टार्टअप संस्थापक हो, वैश्विक समूह या कोई उद्यमी, पंजाब उन्हें सिर्फ वित्तीय प्रोत्साहनों से नहीं, बल्कि ईमानदारी और नीयत से भी ‘जी आया नूं’ कहता है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर सुधार चाहे वह एकीकृत नियामक हो, एकीकृत पोर्टल, डीम्ड अप्रूवल, सैद्धांतिक मंज़ूरी या सशक्त निगरानी प्रोटोकॉल का उद्देश्य उद्योगपतियों का विश्वास जीतना और उनके कारोबारी सफर में हर पहलू से समर्थन देना है। 

उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार के अधिकारी सिर्फ नियंत्रक नहीं, बल्कि सहयोगी की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि जब व्यवस्था बिना शोर के सुचारु चले, तभी समझना चाहिए कि कार्य सही ढंग से हो रहा है। इसलिए किसी भी निवेशक को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उसकी सुनवाई नहीं हो रही।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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