

केंद्र सर कार ने असम के नामरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BVFCL) परिसर में ₹10601.40 करोड़ की लागत से नया यूरिया संयंत्र स्थापित करने की मंजूरी दी है। इस प्लांट से पूर्वोत्तर राज्यों में यूरिया की बढ़ती मांग पूरी होगी और आत्मनिर्भर भारत मिशन को मजबूती मिलेगी। चार साल में पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट से रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
केंद्र सरकार ने असम के नामरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कारपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के परिसर में एक नया यूरिया संयंत्र की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
परियोजना की अनुमानित लागत 10,601.40 करोड़ रुपये और क्षमता 12.7 लाख टन वार्षिक उत्पादन की होगी। अधिकतम चार वर्ष में यह कारखाना चालू हो जाएगा।
यूरिया की उत्पादन क्षमता में वृद्धि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिट ने की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस कारखाने से पूर्वोत्तर में यूरिया की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। यह बिहार, बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं झारखंड समेत पूर्वोत्तर राज्यों में यूरिया की बढ़ती जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि इस कारखाना के जरिए अतिरिक्त प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर खुलेंगे। इसके साथ ही यूरिया के मामले में देश को आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रस्तावित संयुक्त उद्यम में इक्विटी पैटर्न निम्नानुसार होगा:
- असम सरकार: 40%
- ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल): 11%
- हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल): 13%
- नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल): 18%
- ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल): 18%
अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि संयंत्र की स्थापना प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है। इसमें असम सरकार का सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत इक्विटी होगी। बीवीएफसीएल की 11 प्रतिशत, हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड का 13 प्रतिशत, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड एवं आयल इंडिया लिमिटेड की 18-18 प्रतिशत होगी।

Author: Red Max Media
Post Views: 18