
कैसा हो अगर खेती में पानी की खपत 40% तक कम हो जाए और पैदावार 15% बढ़ जाएं? राजस्थान के किसान पिता के बेटे नारायण लाल गुर्जर ने किया है यह कमाल का आविष्कार, उन्होंने बनाया है एक ऑर्गनिक पॉलीमर।
बचपन में एक बार पानी की किल्ल्त की वजह से उनके पिता की मक्के की पूरीफसल बर्बाद हो गयी थी। परिवार को काफी आर्थिक दिक्क्त का सामना भी करना पड़ा। तभी से नारायण ने पानी की दिक्कत का उपाय खोजना शुरू कर दिया। वह बताते हैं, “मेरे पापा ने उस टाइम बोला तुम इस तरह की आगे जाकर पढ़ाई करों कि हमारी जो पानी की समस्या है उसका समाधान निकल सके।”
हालांकि ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर जैसी सुविधाएं हैं लेकिन जहां पानी ही नहीं वहां का किसान क्या करेगा? काफी रिसर्च करने पर नारायण को पॉलीमर फ़र्टिलाइज़र के बारे में पता चला। लेकिन बाजार में मिलने वाले सभी पॉलीमर फ़र्टिलाइज़र केमिकल पर आधारित थे। ऐसे में नारायण ने इसका आर्गेनिक विकल्प खोजने का फैसला किया।
इस तरह वह लगभग तीन साल तक रिसर्च करते रहें और तब तीन साल के बाद पता लगा कि जो नारंगी के छीलके हैं उसके अंदर जो पैक्टिन होता है, उससे ऑर्गनिक पॉलीमर बनाया जा सकता है। अपने आर्गेनिक पॉलीमर को उन्होंने उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय में टेस्ट कराया और पढ़ाई के साथ ही फसल अमृत आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र नाम से एक स्टार्टअप शुरू कर दिया।
आज संतरे के छिलकों से बना उनका यह आविष्कार भारत के साथ-साथ जापान से भी सर्टिफाइड है और दुनियाभर के 30000 किसानों के काम आ रहा है। नारायण के आविष्कार ने साबित किया कि खेती की हर समस्या का हल प्रकृति के पास ही है बस जरूरत है केमिकल के बजाय पर्यावरण फ्रैंडली विकल्प खोजने की। अगर आप भी सहमत हैं तो जरूर स्टोरी को जरूर शेयर करें।
