

राज्य पर यूएपीए के तहत अवामी एक्शन कमेटी के खिलाफ कार्रवाई कर पाएंगे। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है। अवामी एक्शन कमेटी को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। इस कदम का उद्देश्य राज्य स्तर पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है। 11 मार्च को गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर स्थित एएसी पर अगले पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगाया था।
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, यूएपीए की धारा 42 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार निर्देश देती है कि उक्त अधिनियम की धारा सात और आठ के तहत उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग राज्य सरकारों द्वारा भी किया जाएगा।
क्या है इस कदम का उद्देश्य?
इस कदम का उद्देश्य राज्य स्तर पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना है, जिससे आतंकी संगठन एएसी की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के प्रयासों को बल मिलेगा। यह निर्णय उन राज्यों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां एएसी सक्रिय है। 11 मार्च को गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर स्थित एएसी को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया तथा इस संगठन पर अगले पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया।
अवामी एक्शन कमेटी पर लगा है प्रतिबंध
उमर फारूक के नेतृत्व वाली अवामी एक्शन कमेटी जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने और भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाने में संलिप्त रही है। इससे पहले गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में उमर फारूक और अन्य सदस्यों सहित अवामी एक्शन कमेटी के नेताओं के खिलाफ राष्ट्र विरोधी भाषणों, हिंसा भड़काने और पथराव की घटनाओं में कथित संलिप्तता के लिए दर्ज कई मामलों का हवाला दिया गया था।
इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा 2018 में एएसी प्रवक्ता आफताब अहमद शाह और 11 अन्य के खिलाफ देश के खिलाफ साजिश के लिए दायर आरोपपत्र का हवाला दिया गया।
