

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जमीन के सर्किल रेट वैज्ञानिक रूप से तय होने चाहिए। विशेषज्ञ समिति इन दरों का निर्धारण करे जिससे बाजार मूल्य का सही आकलन हो सके। अदालत ने स्पष्ट किया कि उचित सर्किल दरें अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगी और कर संग्रह में मदद करेंगी। अदालत ने मुआवजे के लिए सर्किल रेट को मान्यता दी है।
सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर भरोसा नहीं करना चाहिए: SC
पीठ ने फैसले में जमीन के सर्किल रेट तय करने और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रविधानों बारे में विस्तार से चर्चा की है। कोर्ट ने कहा है कि कलेक्टर को सिर्फ औसत ब्रिक्री की कीमत पर ही भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि व्यापक बाजार आधारित कारकों पर भी विचार करना चाहिए। मसलन जमीन की प्रकृति, अहमियत और विकास की कीमत आदि।
‘सर्किल दरों से नागरिकों पर पड़ता है सीधा असर’
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सही सर्किल दरें ईमानदार करदाताओं के हितों का ध्यान रखने के साथ साथ अनुपालन न करने वाले करदाताओं को भी रोकेंगी। तर्कसंगत और निष्पक्ष सर्किल दरें सुशासन को दर्शाती हैं।
कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें जो बाजार मूल्य को दर्शाती हैं, संपत्तियों के कम मूल्यांकन को रोककर राज्य के लिए उचित राजस्व संग्रह सुनिश्चित करती हैं। विभिन्न अधिकार क्षेत्रों के मुकदमों में संपत्ति के सर्किल रेट की चर्चा होने के आधार पर कोर्ट ने कहा कि सर्किल दरें अक्सर राजनीतिक और आर्थिक रूप से विवाद का मुद्दा बन जाती हैं। यह विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में लगातार होने वाली मुकदमेबाजी में परिलक्षित होता है, जो संपत्तियों पर लागू सर्किल दरों पर चर्चा करते हैं।
