

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार नाराजगी जताई है। शुक्रवार को ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों पर सीधा हमला है और इससे उनकी संपत्तियां छीन ली जाएंगी।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर कड़ा विरोध जताते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि यह विधेयक “मुसलमानों पर सीधा हमला” है और इससे उनकी संपत्तियां छीन ली जाएंगी। यहां एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि वक्फ बोर्ड के सदस्य गैर-मुस्लिम कैसे बन सकते हैं, जबकि मंदिर बोर्ड के सदस्य केवल हिंदू और गुरुद्वारा बोर्ड के सदस्य सिख ही हो सकते हैं। विधेयक के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के आह्वान पर काली पट्टी बांधे ओवैसी ने कहा, “(प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी वक्फ विधेयक के जरिए हमारे सीने पर गोलियां चला रहे हैं – हमारी मस्जिदों और दरगाहों को निशाना बना रहे हैं।”
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर ओवैसी का बयान
उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक के प्रावधानों के अनुसार जिलाधिकारी यह प्रमाणित कर सकता है कि कोई विशेष संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं है, जिससे मुसलमानों का उस पर से दावा समाप्त हो जाएगा। बता दें कि इससे पहले जब वक्फ वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली जेपीसी की रिपोर्ट लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखी गई, उस दौरान भी असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर बयान दिया था। AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस रिपोर्ट का विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। ओवैसी ने कहा, “वक्फ संशोधन बिल असंवैधानिक है। ये वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि मुस्लिमों से वक्फ को छीनने के लिए ये विधेयक लाया जा रहा है, वक्फ को बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है। हम इसकी आलोचना करते हैं।”
मौलाना का विवादित बयान
ओवैसी ने आगे कहा कि ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 29 का उल्लंघन करता है। हम इस बिल की निंदा करते हैं। बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ कल देशभर में मुसलमानों द्वारा विरोध किया गया। इसी कड़ी में शुक्रवार को नमाज के बाद पटना के जामा मस्जिद के मौलाना ने विवादित बयान दिया। मौलाना ने अपनी तकरीर में कहा, ‘आज हमारे खिलाफ साजिश हो रही है, ताकि मुसलमान को तकलीफ दिया जाए और परेशान किया जाए। हम डरने वाले नहीं है। खून बहाने की जरूरत पड़ेगी तो वहां हम आएंगे। कुरान के खिलाफ कोई फैसला लेकर, हमपर थोप दे। अल्लाह के फरमान के खिलाफ कोई फैसला नहीं थोप सकता है।’
