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जम्मू-कश्मीर में बड़े लेवल पर हुए प्रशासनिक फेरबदल

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जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के आदेश पर प्रदेश में बड़े लेवल पर हुए प्रशासनिक फेरबदल किए गए हैं। वह भी ऐसे समय में जब जम्मू कश्मीर सरकार एक महीने पहले बनाई गई कार्य नियमावली के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के 48 अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं। इस कदम से प्रदेश में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार में हलचल पैदा हो सकती है क्योंकि एलजी के इस कदम को नौकरशाही पर पूर्ण नियंत्रण के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। एलजी ने 14 अतिरिक्त उपायुक्त और 26 सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट समेत जेकेएएस के 48 अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया।

कहां-कहां के अधिकारी बदले गए? 

एलजी ने पुलवामा, बसोहली, कुपवाड़ा, डोडा, सुंदरबनी, अनंतनाग, नौशेरा, राजौरी, बारामूला, कठुआ, श्रीनगर, गांदरबल, भद्रवाह और हंदवाड़ा में अतिरिक्त उपायुक्तों के तबादले और नियुक्ति के आदेश दिए। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा मंगलवार को जारी आदेश ऐसे समय में दिया गया है जब सरकार लगभग एक महीने पहले बनाई गई कार्य नियमावली के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार कर रही थी। इस नियमावली को बिना किसी गतिरोध के सुचारू संचालन के लिए एलजी को मंजूरी के लिए भेजा गया था।

पिछले साल हुए थे बदलाव

जम्मू-कश्मीर में बहुप्रतीक्षित विधानसभा चुनावों से पहले पिछले साल, गृह मंत्रालय ने जुलाई में ‘‘कार्य संचालन नियमों’’ में बदलाव किया था, जिसमें पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, आईएएस और आईपीएस जैसी अखिल भारतीय सेवाओं और अभियोजन मंजूरी देने से संबंधित मामलों में एलजी की शक्तियों को बढ़ाया गया था।

कार्य नियमावली को मंजूरी का इंतजार

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 6 मार्च को राज्य सदन में एलजी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा था,”जब तक हमें पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता, स्पष्टता के लिए कार्य नियमावली बनाना आवश्यक है। इसमें कुछ समय लगा, लेकिन कल (5 मार्च) रात 8 बजे हमने कैबिनेट की बैठक बुलाई और नियमावली को अंतिम रूप दिया और उन्हें कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।” उन्होंने यह भी कहा था कि नियमों को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा गया है और “हमें उम्मीद है कि जल्द मंजूरी मिल जाएगी।” बता दें कि मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने पहले जम्मू कश्मीर में दोहरे शासन मॉडल की खुले तौर पर आलोचना की थी इसे “विनाशकारी” बताया था।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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