Search
Close this search box.

पुर्तगाल के बाद स्लोवाकिया पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।

राष्ट्रपति पुर्तगाल की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद यहां पहुंचीं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श किया और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बुधवार को यहां राष्ट्रपति भवन में स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल के दो दिवसीय राजकीय दौरे के समापन के बाद स्लोवाकिया पहुंचीं। वह इस देश की यात्रा करने वाली दूसरी भारतीय राष्ट्रपति हैं। लोक पोशाक पहने एक जोड़े ने ‘ब्रेड और नमक’ के साथ उनका पारंपरिक स्लोवाक स्वागत किया। राष्ट्रपति कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने ब्रातिस्लावा में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। लोक पोशाक पहने एक जोड़े ने ‘ब्रेड और नमक’ के साथ उनका पारंपरिक स्लोवाक स्वागत किया।

राष्ट्रपति को सलामी गारद प्रदान किए जाने के साथ उनका औपचारिक स्वागत किया गया।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज ब्रातिस्लावा में राष्ट्रपति भवन पहुंचीं। स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और सलामी गारद प्रदान किए जाने के साथ औपचारिक स्वागत किया। यह पिछले लगभग तीन दशकों में भारत के किसी राष्ट्रपति की स्लोवाकिया की पहली यात्रा है।’’ स्लोवाक दंपति ने मुर्मू को ब्रेड दी जिसे उन्होंने नमक लगाकर खाया।

29 साल में मध्य यूरोपी जाने वाली मुर्मू भारत की दूसरी राष्ट्रपति

यह प्राचीन परंपरा विभिन्न विशेष अवसरों पर विशिष्ट अतिथियों के लिए आतिथ्य, मित्रता और सम्मान के प्रतीक के रूप में निभाई जाती है। स्लोवाकिया की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको तथा राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष रिचर्ड रासी से मुलाकात करेंगी। इस यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किये जायेंगे। आखिरी बार भारत के किसी राष्ट्रपति ने 29 साल पहले स्लोवाकिया का दौरा किया था। मुर्मू मध्य यूरोपीय देश का दौरा करने वाली भारत की दूसरी राष्ट्रपति हैं।

भारत-स्लोवाकिया के बीच क्यों हैं गहरे संबंध

विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने चार अप्रैल को प्रेस वार्ता में कहा था कि स्लोवाकिया में संस्कृत अध्ययन के साथ भारत के गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की रचनाओं का स्लोवाक में अनुवाद किया गया है और स्लोवाकिया ने वर्ष 2022 में यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के दौरान बहुमूल्य सहायता प्रदान की। राष्ट्रपति नित्रा स्थित टाटा मोटर्स के जगुआर लैंड रोवर संयंत्र में भी जाएंगी, जो 1.4 अरब यूरो के निवेश से वर्ष 2018 में शुरू हुआ था और प्रति वर्ष 1.5 लाख वाहनों के विनिर्माण की क्षमता रखता है।  लाल ने चार अप्रैल को कहा था, ‘‘स्लोवाकिया के साथ भी मजबूत राजनीतिक जुड़ाव है। साथ ही, व्यापारिक जुड़ाव भी हो रहा है। व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों का आदान-प्रदान हो रहा है। ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग से लेकर आईटी तक कई क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों द्वारा स्लोवाकिया में महत्वपूर्ण निवेश किया जा रहा है।’’ दोनों देशों के बीच लंबे समय से रक्षा संबंध भी हैं।

 

Red Max Media
Author: Red Max Media

Leave a Comment

और पढ़ें