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दोमिनट मौनरखकर सुप्रीमकोर्ट के जजों ने विरोध जताया

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दोमिनट मौनरखकर सुप्रीमकोर्ट के जजों ने विरोध जताया

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अबतक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी कड़ी में आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस मसीह की बेंच ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में 2 मिनट तक मौन खड़े रहे।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा कायराना हमला किया गया है। इस हमले में 26 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कोई लोग इस घटना में घायल हो गए हैं। इस हमले के बाद से पूरे देश में नाराजगी देखने को मिल रही है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस मसीह पहलगाम में हुए आतंकी हमले के शोक में दो मिनट तक मौन होकर खड़े रहे। बता दें कि इस हमले के विरोध में आज सीजेआई की बेंच सुप्रीम कोर्ट में नहीं बैठी। ऐसे में जस्टिस गवई की बेंच जो कि सीजेआई की बेंच के बाद सबसे वरिष्ठ हैं, उन्होंने दो मिनट का मौन रखा। इस दौरान फायर ब्रिगेड की गाड़ी से सायरन बजाकर दो मिनट का मौन शुरू हुआ और सायर के साथ ही खत्म हुआ।

आतंकियों के कोडनेम आए सामने

बता दें कि पहलगाम में हुए इस हमले में अबतक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस आतंकी हमले के बाद अब तस्वीरें और भी ज्यादा साफ होती जा रही हैं। इस आतंकी हमले पर अब बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल जिन चार आतंकियों ने 26 निर्दोषों की बेरहमी से हत्या कर दी, उनकी तस्वीरें सामने आ गई हैं। जानकारी के मुताबिक दो आतंकी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे। हमला करने वाले ये दो आतंकी पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है। इनमें एक आतंकी आसिफ शेख जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी बताया जा रहा है। चार आतंकियों में से तीन आतंकियों के नाम भी सामने आए हैं। इनके कोड में नाम थे, आसिफ फौजी का नाम मूसा था, सुलेमान शाह का नाम युनूस था, अबु तल्हा का कोड नामआसिफ था तीनों आतंकियों के कोड नेम थे।

आतंकियों के शरीर पर लगे थे बॉडी कैम

सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के शरीर पर बॉडी कैम लगे थे और उन्होंने पूरी घटना का वीडियो बनाया था। आतंकियों ने टूरिस्टों को पहले सिर झुकाने को कहा और उसके बाद AK-47 और अमेरिकन M-14 राइफल से गोली मारनी शुरू कर दी। जांच एजेंसियों ने तीन संदिग्धों का स्केच भी जारी किया था, उसके तुरंत बाद अब चारों आतंकियों की तस्वीरें भी सामने आ चुकी है। पहलगाम हमले की जांच कर रही खुफिया एजेंसियों को घटनास्थल के पास से काफी एडवांस कैटेगरी के संचार उपकरण मिले हैं, जिससे पता चलता है कि आतंकियों को कहीं बाहर से लॉजिस्टिक सपोर्ट और सहयोग मिल रहा था। खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि हमलावर आतंकी पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटिव के साथ प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में थे और वहां बैठे उनके आकाओं को पूरी जानकारी लाइव मिल रही थी।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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