

‘दंगे भड़काने वाले बंगाल के दुश्मन, जल्द ही मीडिया के सामने करूंगी पर्दाफाश’, मुर्शिदाबाद में बोलीं CM ममता
ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित परिवारों को ‘जबरन’ अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया ताकि वे उनसे मिल न सकें। उन्होंने कहा, भाजपा मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित लोगों के परिवारों को वहां से दूर ले गई ताकि वे मुझसे न मिल सकें। क्या यह अपहरण नहीं है?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर सोमवार को सांप्रदायिक नफरत फैलाने और देश की सीमा की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद में हाल की हिंसा से प्रभावित परिवारों को भाजपा द्वारा उनसे मिलने से रोका जा रहा है। पिछले महीने हुए दंगों के बाद पहली बार मुर्शिदाबाद पहुंचने पर बनर्जी ने कहा, “कुछ बाहरी लोग और कुछ धार्मिक नेता समुदायों के बीच हिंसा और दुश्मनी भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग दंगे भड़का रहे हैं, वे पश्चिम बंगाल के दुश्मन हैं।”
NHRC पर भड़कीं ममता
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की तीखी आलोचना करते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने आयोग के सदस्यों के मुर्शिदाबाद के हालिया दौरे के मद्देनजर उसकी प्राथमिकताओं पर सवाल उठाया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या एनएचआरसी के सदस्यों ने भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था, जहां अब राष्ट्रपति शासन है। बनर्जी ने आरोप लगाया, “क्या एनएचआरसी ने मणिपुर और उत्तर प्रदेश का दौरा किया? वे मुर्शिदाबाद का दौरा करने में तत्पर थे। जिस तरह 2016 में नोटबंदी की घोषणा के एक दिन बाद ऑनलाइन भुगतान मंच ने अखबारों में पहले पन्ने पर विज्ञापन दिए थे, उसी तरह एनएचआरसी ने दंगे होने के तुरंत बाद मुर्शिदाबाद का दौरा किया। इसलिए मैं कह रही हूं कि यह पूर्व नियोजित था।”
‘दंगे प्रभावितों से मिलने से रोका गया, क्या यह अपहरण नहीं है?’
उन्होंने दावा किया, “मैंने अधिकतर साजिशों का पर्दाफाश कर दिया है, मैं मीडिया के सामने इसका पर्दाफाश करूंगी।” बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित परिवारों को ‘जबरन’ अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया ताकि वे उनसे मिल न सकें। उन्होंने कहा, “भाजपा मुर्शिदाबाद दंगों से प्रभावित लोगों के परिवारों को वहां से दूर ले गई ताकि वे मुझसे न मिल सकें। क्या यह अपहरण नहीं है? अगर मैं उनसे यहीं मिलती और उन्हें चेक सौंपती तो क्या नुकसान होता।”
मुख्यमंत्री ने केंद्र को अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा, “सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के बजाय, हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।” उन्होंने केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी को उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, “जब आप कुर्सी पर होते हैं, तो आप लोगों को धार्मिक आधार पर नहीं बांट सकते।”
