

क्रिकेट (टी20 फॉर्मेट) को 2028 में लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया है और इस तरह से बीसीसीआई पहले ही ओलंपिक आंदोलन का हिस्सा बन चुका है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) भी राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का हिस्सा बनेगा। इस विधेयक को बुधवार 23 जुलाई को संसद में पेश किया जाएगा। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने 22 जुलाई को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि सभी राष्ट्रीय महासंघों की तरह बीसीसीआई को भी इस विधेयक में शामिल किया जाएगा।
पीटीआई के हवाले से एक सूत्र ने बताया कि सभी राष्ट्रीय महासंघों की तरह, इस विधेयक के अधिनियम बन जाने के बाद बीसीसीआई को भी देश के कानून का पालन करना होगा।’ क्रिकेट को 2028 में लॉस एंजिलिस में होने वाले ओलंपिक गेम्स में शामिल किया गया है और इस तरह से बीसीसीआई पहले ही ओलंपिक का हिस्सा बन चुका है। खेल प्रशासन विधेयक का उद्देश्य समय पर चुनाव, प्रशासनिक जवाबदेही और खिलाड़ियों के कल्याण के लिए एक मजबूत स्पोर्ट्स स्ट्रक्चर को तैयार करना है।
विधेयक की भूमिका पर खेल मंत्री ने दिया था बड़ा बयान
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में कहा था कि यह विधेयक देश के खेल प्रशासकों के लिए अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके तहत एक बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसे राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSB) को मान्यता देने और उन्हें फंडिंग प्रदान करने का अधिकार होगा। यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि वह इससे जुड़ी शर्तों का कितना पालन करते हैं। यह बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि खेल महासंघ उच्चतम शासन, वित्तीय और नैतिक मानकों का पालन करें।
विधेयक के आने से रोजर बिन्नी को मिल सकता है फायदा
इस विधेयक में प्रशासकों की आयु सीमा के पेचीदा मुद्दे पर कुछ रियायत दी जाएगी। इसमें 70 से 75 वर्ष की आयु के लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई है बशर्ते संबंधित अंतरराष्ट्रीय संस्थायें इसके लिए कोई आपत्ति न जताएं। एनएसबी में एक अध्यक्ष होगा और इसके सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। इसके सेलेक्शन कमिटी में अध्यक्ष के तौर पर कैबिनेट सचिव या खेल सचिव, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक, दो खेल प्रशासक (जो किसी राष्ट्रीय खेल संस्था के अध्यक्ष, महासचिव या कोषाध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हों) और एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी शामिल होगा जिसने अपने करियर में द्रोणाचार्य, खेल रत्न या अर्जुन अवॉर्ड जीता हो। बता दें कि बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी 70 साल के हो गए हैं। इस विधेयक के आने से वह 75 साल तक अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं। यानी वह 5 साल और बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर रह सकते हैं।
