
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इसे उनके पॉलिटिकल मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में अब कौन होगा दिल्ली का अगला सीएम, जानें क्या है संभावनाएं?
दिल्ली आबकारी नीति में कथित तौर पर घोटाले के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। जेल से बाहर आते ही अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान कर दिया है जिससे सियासी भूचाल आ गया है। उन्होंने कहा है कि वो दो दिनों के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया कि उनके इस्तीफा देने के बाद मनीष सिसोदिया भी दिल्ली के सीएम नहीं बनेंगे। उनके इन बयानों को उनका सियासी मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है।
केजरीवाल का मास्टरस्ट्रोक
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते वक्त ऐसी शर्तें लगाई हैं कि उनका सीएम के तौर पर काम करना मुश्किल है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल न तो सचिवालय जा पाएंगे और न ही बेहद जरूरी फैसलों को छोड़कर दूसरी फाइल साइन कर पाएंगे। यानि कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने केजरीवाल के हाथ पांव बांध दिए हैं। ऐसे में केजरीवाल ने सीएम की कुर्सी पर चिपके रहने के बजाय इस्तीफा देना ही बेहतर समझा है। अब वो जनता के बीच जाकर सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेंगे।
दिल्ली शराब घोटाला मामले के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी की छवि को काफी धक्का लगा है। पिछले 10 साल की सरकार का एंटी इनकम्बेंसी भी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि केजरीवाल के इस फैसले से उसके लिए चुनाव में जाना और बीजेपी का सामना करना ज्यादा आसान होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली का अगला सीएम कौन होगा।
दिल्ली का अगला बॉस कौन
सबसे पहले बात सुनीता केजरीवाल की तो केजरीवाल के जेल जाने से पहले सुनीता केजरीवाल राजनीति में बिल्कुल भी एक्टिव नहीं थीं। लेकिन केजरीवाल के जेल जाने के बाद मिसेज केजरीवाल ने पूरी तरह से फ्रंट फुट पर आकर सियासत की पारी खेलनी शुरू कर दी। लोकसभा चुनाव में आप उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। रैली और पार्टी मीटिंग में हिस्सा लेती रहीं। बीच बीच में वीडियो संदेश जारी करके केजरीवाल की बात लोगों तक पहुंचाती रहीं।
ऐसे में अगर सुनीता केजरीवाल सीएम बनती हैं तो सीएम हाउस भी खाली नहीं करना पड़ेगा। लेकिन उनके सीएम बनने का नुकसान ये है कि बीजेपी को अरविंद केजरीवाल पर हमला करने का मौका मिल जाएगा। बीजेपी ये कह सकती है कि जो काम लालू यादव ने जेल जाने से पहले राबड़ी देवी को सीएम बनाकर किया, आज वही काम केजरीवाल ने भी किया। ऐसे में दोनों में क्या फर्क है।
आम आदमी पार्टी के पास दूसरा ऑप्शन हैं आतिशी, जो इस वक़्त दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री हैं। दिल्ली सरकार में सारी बड़ी ज़िम्मेदारी इस वक़्त आतिशी के पास ही है। आतिशी को केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों का भरोसेमंद माना जाता है। अधिकारियों के साथ भी उनकी काफी अच्छी बॉन्डिंग है, ऐसे में अगर आतिशी दिल्ली की सीएम बनती हैं तो वो सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद तीसरी महिला सीएम होंगी। हालांकि उन्हें सीएम बनाए जाने पर पार्टी के अंदर बगावत भी हो सकती है।
आम आदमी पार्टी के बाद तीसरा विकल्प हैं दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज..सौरभ भारद्वाज भले ही इस वक़्त दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। लेकिन उनकी क्षमता पर अभी पार्टी को पूरी तरह से विश्वास नहीं है। वहींअधिकारियों के साथ भी सौरभ भारद्वाज की कुछ खास नहीं बनती है। तो अगर इनको सीएम बनाया गया तो सरकार का कोई काम नहीं होगा। ऐसे में सौरभ भारद्वाज के सीएम बनने की संभावना थोड़ी कम है।
48 घंटे के बाद का मामला क्या?
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘आप (अरविंद केजरीवाल) बाहर आकर इस्तीफा देने की बात क्यों कर रहे हैं। 48 घंटे बाद क्या मामला है? देश और दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि 48 घंटे का राज क्या है, 48 घंटे में क्या-क्या निपटाना है?’
भ्रम और झूठ फैलाने का प्रचार AAP ने किया
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत की राजनीति की नई नवेली पार्टी के अजब अलबेले किरदार कट्टर ईमानदार ने जो नजीर पेश की है, उसकी तुलना भारत की राजनीति में किसी से नहीं है। वो जेल में रहे और सीएम पद छोड़ना उचित नहीं समझा। भ्रम और झूठ का प्रचार आम आदमी पार्टी के द्वारा किया जाता है।
शिबू सोरेन और जय ललिता समेत सबने जेल से दिया इस्तीफा
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमारी सरकार में हेमंत सोरेन और केजरीवाल जेल गए लेकिन शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, जयललिता, करुणानिधि, लालू यादव ये सब हमारी सरकार में जेल नहीं गए लेकिन जब ये जेल गए तो इस्तीफा दे दिया। आपसे तो वो भी नहीं हुआ।
भगत सिंह की प्रतिष्ठा धूल में मिलाई
बीजेपी नेता ने कहा कि केजरीवाल आज भगत सिंह से खुद की तुलना कर रहे हैं। आज जिन लोगों ने देश के लिए बलिदान दिया है। उनको पीड़ा हो रही होगी। इन्होंने भगत सिंह की प्रतिष्ठा को धूल में मिलाने की कोशिश की है।
