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विकीपीडिया पर क्‍यों सख्‍त हुआ सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले की सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की जांच पर संतुष्टि जताई। नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिला था। जांच में यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद देशभर में डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया था।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने विकीपीडिया को पीड़िता का नाम और फोटो हटाने का आदेश दिया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विकीपीडिया अब भी पीड़िता का नाम और फोटो दिखा रहा है। इस पर सर्वोच्च अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह विकीपीडिया को पीड़िता का नाम और फोटो हटाने का निर्देश देने वाला आदेश पारित करेगा।

सीबीआई को सबकुछ सौंपा: पुलिस

इस बीच, पश्चिम बंगाल पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीसीटीवी फुटेज समेत अपराध से जुड़ा कुछ भी उनके पास नहीं है। सब कुछ सीबीआई को सौंप दिया गया है। पश्चिम बंगाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि वह अपराध स्थल पर मौजूद अन्य लोगों के नाम सीलबंद लिफाफे में सीबीआई को देने को तैयार हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर संतोष जताया और कहा

  • सीबीआई गहराई से जांच कर रही है।
  • सभी तथ्य सामने लाने की कोशिश।
  • दूसरे लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में।
  • रिपोर्ट में लिखी कई बातें परेशान करने वाली।
  • जांच के लिए समय देना होगा।
  • सीबीआई पीड़िता के परिवार से भी बात करे।

कपिल सिब्बल ने क्यों की कोलकाता कांड की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग? सुप्रीम कोर्ट बोला- लोगों को पता तो चले

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले की सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने इस मामले का स्वत संज्ञान लिया था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह जनहित का मामला है और लोगों को पता होना चाहिए कि अदालत में क्या हो रहा है?

सिब्बल ने इसलिए की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले में चल रही कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि चैंबर की महिला वकीलों को एसिड अटैक और बलात्कार की धमकियां मिल रही हैं। शीर्ष अदालत ने सिब्बल को आश्वासन दिया कि अगर वकीलों और अन्य लोगों को कोई खतरा हुआ तो वह कदम उठाएगी।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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