

मुजफ्फरनगर में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक बड़े और खतरनाक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसमें छह बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है और पांच लाख तीस हजार के नकली नोट और नोट बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं। गिरोह का सरगना समेत दो बदमाश अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
यह है पूरा मामला
इसकी सूचना मिलते ही नगर कोतवाल अक्षय शर्मा ने एसओजी टीम के साथ नकली करेंसी के सौदगारों को पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया और न्याजुपुरा के पास से नकली करेंसी के साथ दो बदमाशों को पकड़ लिया।
किराए के मकान में छाप रहे थे नोट
एसपी देहात ने बताया, यह गिरोह वर्तमान में न्याजूपुरा-कब्रिस्तान वाले मार्ग पर किराए पर मकान लेकर नकली करेंसी छाप रहा था। गिरोह के हर बदमाश का काम अलग-अलग है। पुलिस से बचने के लिए यह गिरोह दिन में अन्य काम करता है और रात में नकली करेंसी की छपाई करता है।
रितेश नकली करेंसी नोटों की डिजाइनिंग का काम करता है, जबकि सुगनु उर्फ आकाश, अंकित व निखिल नकली नोट प्रिंटर की सहायता से छपाई, वाटरमार्क लगाना, नोटों की कटिंग आदि कर नकली नोटों की गड्डियां तैयार करते हैं।
बाजार में चलाने के लिए गुड्डु, सुगनु उर्फ आकाश और सचिन उर्फ जानी को दे दिए जाते हैं। यह बदमाश बाजार में नोटों को चलाने के अलावा 25 हजार में राह चलते लोगों को एक लाख रुपये की गड्डी बेच देते हैं।
रोहित गिरोह का सरगना है जो फरार है। गिरोह की खास बात यह है कि नकली नोट चलाने के बाद स्थान बदल देता है। इस गिरोह के तार हरियाणा, उत्तराखंड से भी जुड़े हैं। फारूख पर मेरठ, सहारनपुर व बुलंदशहर में 17 मुकदमे हैं, जबकि गिरोह बदमाशों पर किसी पर दो तो किसी पर चार मुकदमे दर्ज हैं।
