

केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने की बात कही गई है। इसे लेकर अब आम आदमी पार्टी ने बयान दिया है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कर रही है।
केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जातिगत गणना की घोषणा का इस्तेमाल करके जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले से लोगों को ध्यान भटकाने के लिए कर रही है। इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि उसके नेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गैर जिम्मेदाराना बयान देने से बचना चाहिए। आम आदमी पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “जब पाकिस्तान पर कार्रवाई करने का समय आया तो आपने कार्रवाई नहीं की, बल्कि जातिगत गणना का मुद्दा उठा दिया। पूरा देश आपके साथ है और आतंकवादियों पर कार्रवाई चाहता है।”
भाजपा ने किया पलटवार
इसके अलावा आप के मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने भी इसी तरह की बात की और केंद्र सरकार पर आरोप लगाा है कि केंद्र सरकार द्वारा यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से लोगों को ध्यान भटकाया जा सके। इसे लेकर दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सौरभ भारद्वाज और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाया कि वो पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी कर रहे हैं। सचदेवा ने आप पर पलटवार करते हुए कहा कि बेहतर होगा कि दिल्ली और हरियाणा में हाल ही में चुनाव हारने वाले आप नेता इस बात को समझें कि राष्ट्र और उसके लोगों की सुरक्षा से जुड़े मामले राजनीतिक चर्चा का विषय नहीं हैं।
क्या बोले वीरेंद्र सचदेवा
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा,, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में जब 1.4 अरब भारतीय पहलगाम हत्याकांड के बाद भारत सरकार के साथ खड़े हैं, अपनी चुनावी हार से निराश आम आदमी पार्टी के कुछ नेता खबरों में बने रहने के प्रयास में बयान जारी कर रहे हैं।” वहीं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने भाजपा सरकार पर प्राइवेट स्कूलों की फीस विनियमन विधेयक का मसौदा तैयार करने में पारदर्शिता को दरकिनार करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा ने पलटवार करते हुए आतिशी के बयान को सत्ता में रहते हुए उनकी निष्क्रियता से उत्पन्न “राजनीतिक हताशा” का परिणाम बताया।
