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जेल में बंद किसान 16 घंटे बाद रिहा,

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जेल में बंद किसान 16 घंटे बाद रिहा,
सोमवार से शुरू हुए किसानों के विरोध मार्च को लेकर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर की सीमाओं पर सुरक्षा के मद्देनजर बैरिकेडिंग की गई है। इसके तहत पुलिस-प्रशासन ने बुधवार को जिला कारागार में बंद संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं को 16 घंटे बाद रिहा कर दिया। जिसके बाद महापंचायत कर रहे सैकड़ों किसानों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
पुलिस प्रशासन ने बुधवार को जिला कारागार में बंद संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं को 16 घंटे बाद रिहा कर दिया। जेल से रिहा होने के बाद किसान नेता सीधे यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पहुंचे, वहां महापंचायत कर रहे सैकड़ों किसानों ने उनका जोरदार स्वागत किया। 

किसान नेताओं को कंधे पर बैठाकर कार्यकर्ता मंच पर लेकर पहुंचे। महापंचायत में किसानों ने हुंकार भरी कि अब उन्हें किसी कमेटी पर भरोसा नहीं है। अधिकारियों ने किसानों के साथ धोखा किया है। सात दिन में मुख्य सचिव से वार्ता कराने का आश्वासन देकर किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जो फैसला पहले हो चुका है, सरकार उसे लागू करे। 

किसानों को दस प्रतिशत भूखंड, भूमि अधिग्रहण के सभी लाभ देने और हाई पावर कमेटी की किसानों के हक में की गई सिफारिशों को तुरंत लागू करें, इससे कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। जरूरत पड़ी तो दोबारा दिल्ली कूच करेंगे, लेकिन महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत नहीं पहुंच सके।

टप्पल में उन्हें पुलिस प्रशासन ने यमुना एक्सप्रेस वे पर रोक लिया और अपने साथ ले गए। वहीं, किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर फिर से धरना देने का एलान किया है। 

नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर महापड़ाव कर रहे किसान, महिलाओं को पुलिस ने मंगलवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया था। महिलाओं, बुजुर्गों एवं बीमारों को बाद में छोड़ दिया, लेकिन किसान नेताओं समेत 123 किसानों को जेल भेज दिया था।

दूसरी पंक्ति के एकमत होकर नहीं ले सके निर्णय

नेताओं के जेल में बंद होने के कारण महापंचायत में शामिल संगठनों के अन्य नेताओं पर आगे की रणनीति तय करने का फैसला छोड़ा गया, लेकिन नेता एकमत होकर कोई निर्णय नहीं ले सके। कुछ नेता दोबारा प्रेरणा स्थल पर जाने के पक्ष में थे तो कुछ जीरो प्वाइंट पर ही बैठने के पक्ष में थे। इसे लेकर उनके बीच गरमागरमी भी हुई। बाद में नेताओं के जेल से बाहर आने तक निर्णय स्थगित रखा गया। 

जगह-जगह रोके गए किसान

महापंचायत में पहुंचने से किसानों को जगह-जगह रोका गया। बिसरख क्षेत्र के किसानों को रास्ते में ही रोक दिया गया। एनटीपीसी की ओर से आ रहे किसानों को दादरी में रोका दिया गया। भाकियू बलराज के अध्यक्ष एवं कार्यकर्ताओं को संगठन के कैंप कार्यालय कैमराला चक्रसेनपुर में रोक दिया गया। 

सपा और कांग्रेस के नेता भी पहुंचे महापंचायत में

किसानों की महापंचायत में बुधवार को राजनीतिक दल के नेता भी शामिल हुए। कांग्रेस के अलावा सपा के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी भी पहुंचे, लेकिन किसानों के मंच पर राजनीतिक नेताओं को जगह नहीं दी गई।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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